16 लोकेशन्स पर 60 टारगेट्स किए तबाह
अमेरिकी फाइटर जेट्स ने गुरुवार को यमन की राजधानी साना में 16 लोकेशन्स पर हूती विद्रोहियों के 60 टारगेट्स को निशाना बनाते हुए उन्हें तबाह कर दिया। लाल सागर में चल रहे संघर्ष के बाद अमेरिका और ब्रिटेन की तरफ से हूती विद्रोहियों कर किया गया इस तरह का यह पहला संयुक्त हमला था।
हूती विद्रोहियों को हुआ नुकसान
एयरस्ट्राइक्स में हूती कमांड और कंट्रोल, युद्ध सामग्री, डिपो, लॉन्चिंगसिस्टम्स, उत्पादन सुविधाएं और वायु रक्षा रडार सिस्टम्स जैसी कई चीज़ें तबाह हो गई। साथ ही 5 लोग मारे भी गए और 6 लोग घायल हो गए। शनिवार जल्द सुबह की गई एयरस्ट्राइक्स में कितना नुकसान हुआ, इस बारे में जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
50 से ज़्यादा देशों पर हमलों का असर
लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमलों का असर करीब 50 से ज़्यादा देशों पर पड़ा है। करीब 2,000 से ज़्यादा जहाजों को हमलों के चलते रूट बदलना पड़ा, जिससे कई प्रोडक्ट्स की शिपिंग में देरी भी हुई। वैश्विक सालाना व्यापार का लगभग 12% लाल सागर के रास्ते से होता है। हमलों के कारण वैश्विक व्यापार में गंभीर व्यवधान उत्पन्न हुआ है। बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड ऑयल शुक्रवार को लगभग 4% बढ़कर 80 डॉलर प्रति बैरल से ज़्यादा हो गया था।
हूती विद्रोही क्यों कर रहे हैं लाल सागर में हमले
दुनिया के सबसे व्यस्ततम शिंपिंग रास्तों में से एक लाल सागर से आवाजाही करने वाले जहाजों पर हमलों को अंजाम दे रहे हूती विद्रोही खुद को हमास के समर्थक बताते हैं। इज़रायल के हमास के खिलाफ युद्ध के विरोध में हूती विद्रोही लाल सागर में हमलों को अंजाम दे रहे हैं।
बढ़ती अंतर्राष्ट्रीय चिंता का संकेत
हूती विद्रोहियों के हमले दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण जलमार्गों में से एक पर खतरे को लेकर बढ़ती अंतर्राष्ट्रीय चिंता का संकेत हैं। कई हफ्तों से अमेरिका ने यमन पर सीधे हमले से बचने की कोशिश की थी क्योंकि इज़रायल-हमास युद्ध जारी रहने के कारण पहले से ही इस क्षेत्र में तनाव बढ़ने का खतरा था। अब इंटरनेशनल शिपिंग पर चल रहे हूती हमलों ने गठबंधन को कार्रवाई के लिए मजबूर कर दिया। 9 जनवरी को हूती व्रिदोहियों ने सबसे बड़ा हमला करते हुए सीधे अमेरिकी जहाजों को निशाना बनाया था। बदले में अमेरिकी और ब्रिटिश नौसैनिक बलों ने उसी दिन 21 हूती ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराया था।