2031 तक पहुंचेगा बृहस्पति के सिस्टम तक
जुलाई 2031 में जूस के बृहस्पति की प्रणाली में पहुंचने की उम्मीद है। लेकिन, यह 19-20 अगस्त को चंद्रमा और फिर पृथ्वी के पास से वापस उड़ान भरेगा। यह बृहस्पति तक की अपनी 80 करोड़ किमी दूरी वाली आठ साल की घुमावदार यात्रा में ईंधन बचाने के लिए ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण बल का उपयोग करेगा।
‘विश्व में पहली बार’
विशाल रॉकेट के बिना जूस को सीधे बृहस्पति तक भेजने के लिए 60 टन प्रणोदक की आवश्यकता होगी और ईएसए के अनुसार, जूस के पास केवल तीन टन है। ग्रहों के निकट उड़ान भरकर अंतरिक्ष यान उनके गुरुत्वाकर्षण बल का लाभ उठा सकते हैं, जिससे उनका मार्ग बदल सकता है, उनकी गति बढ़ सकती है या धीमी हो सकती है। ईएसए ने कहा कि अगले महीने होने वाला पृथ्वी-चंद्रमा का उड़ान अभियान ‘विश्व में पहली बार’ होगा।