उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के वर्तमान महासचिव एंटोनियो गुटेरेस हैं। वे पुर्तगाल के रहने वाले हैं और उन्होंने 1 जनवरी, 2017 को अपना पदभार संभाला था। उन्हें 1 जनवरी, 2022 से 31 दिसंबर, 2026 तक दूसरे कार्यकाल के लिए नियुक्त किया गया है।
महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का गर्मजोशी से स्वागत
इधर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का गर्मजोशी से स्वागत किया। पुतिन ने वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए बहुपक्षवाद की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए ब्रिक्स देशों और
संयुक्त राष्ट्र के बीच सहयोग के महत्व पर जोर दिया।
संघर्ष जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया
चर्चा के दौरान पुतिन और गुटेरेस ने सतत विकास, शांति स्थापना और विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करने वाले चल रहे संघर्ष जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। गुटेरेस को पुतिन का निमंत्रण रूस की अपनी राजनयिक उपस्थिति को बढ़ाने और वैश्विक मामलों में पश्चिमी प्रभाव के प्रतिसंतुलन के रूप में ब्रिक्स को मजबूत करने के उद्देश्य को दर्शाता है। बैठक में उभरती अर्थव्यवस्थाओं और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के बीच बातचीत के महत्व पर जोर दिया गया और दोनों नेताओं ने वैश्विक स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने में साझा जिम्मेदारियों को स्वीकार किया।
वैश्विक राजनीति में बढ़ता तनाव और ध्रुवीकरण
बहरहाल यूएन प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस को इज़राइल की ओर से धमकाना, दुत्कारना और रूस की ओर से उनका गर्मजोशी से स्वागत करना वैश्विक राजनीति में बढ़ता तनाव और ध्रुवीकरण दर्शाता है। इज़राइल का गुटेरेस को बाहर करने का निर्णय उसके सुरक्षा हितों और ईरान के साथ संघर्ष के संदर्भ में लिया गया है। इस प्रकार का बयान इज़राइल की कूटनीतिक रणनीति दर्शाता है, जिसमें वह किसी भी आलोचना को बर्दाश्त नहीं करना चाहता। वहीं, रूस का गुटेरेस का स्वागत करना एक रणनीतिक कदम है, जो यह संकेत देता है कि वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करना चाहता है। यह दिखाता है कि रूस BRICS देशों के साथ सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और पश्चिमी देशों के प्रभाव का मुकाबला करना चाहता है। इन दोनों घटनाओं का मतलब यह है कि वैश्विक राजनीतिक माहौल में ध्रुवीकरण बढ़ रहा है, जहां देश अपनी रणनीतियों को अपने राष्ट्रीय हितों के अनुरूप ढालने की कोशिश कर रहे हैं।