कैसे नजर आती हैं चमकीली धारियां
जब कोई उल्लकापिंड पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं तो उन्हें हम उल्का कहते हैं। इस वक्त इनकी गति 40 हजार से 2 लाख 60 हजार किलोमीटर प्रति घंटे तक होती है। इनकी तेज गति से घर्षण पैदा होता है, जिसके चलते आसमान में चमकीली धारियां नजर आती हैं। इसे हम शूटिंग स्टार कहते हैं। यह ही उल्कापिंड का टुकड़ा पृथ्वी की सतह पर पहुंच जाता है तो इसे उल्कापिंड कहा जाता है।
उल्का वर्षा कैसे होती है
उल्का और उल्कापिंड सौरमंडल में ही देखे जा सकते हैं। आमतौर पर मंगल और बृहस्पति के बीच की बेल्ट में क्षुद्रग्रह अपनी यात्रा करते हैं। इनमें कुछ धुमकेतु के टुकड़े भी होते हैं। जैसे-जैसे धूमकेतु सूर्य के करीब आते हैं, तो वे अपना कुछ हिस्सा खो देते हैं। इनके रास्ते में पृथ्वी गुजरने के कारण यह उल्का वर्षा का दृश्य नजर आता है।