रिपोर्ट के मुताबिक, ट्विटर को ये कदम उठाने के लिए इसलिए मजबूर होना पड़ा है, क्योंकि कौन-सा ट्विटर अकाउंट असली है और कौन-सा अकाउंट फर्जी, इसका पता नहीं चल पा रहा था और भारी संख्या में ऑरिजनल ब्रांड्स के डूप्लिकेट अकाउंट्स तैयार कर लिए गए हैं, जिससे ट्विटर के सामने असली और नकली का पहचान करना काफी मुश्किल हो गया है।
बता दें, पहले ट्विटर पर ब्लू टिक यूजर्स को आइडेंटिटी वेरिफिकेशन के बाद मिलता था, जिससे किसी यूजर की ऑथेंटिकेशन और भरोसेमंद होने का पता चलता था। मगर ट्विटर खरीदने के बाद से एलन मस्क लगातार ट्विटर पर कई तरह के बदलाव करते नजर आ रहे हैं। इन्हीं में से एक यह था कि अब यूजर्स पैसे देकर ब्लू टिक खरीद सकते हैं।
बीते बुधवार को ही ट्विटर ने इस सर्विस को रोलआउट किया था। यूजर्स ने इस सर्विस का इस्तेमाल भी करना शुरू कर दिया। जिसके बाद ब्लू टिक वाले फेक अकाउंट की बाढ़ सी आ गई। इसके बाद ट्विटर को पेड सर्विस का फैसला फिलहाल के लिए वापस लेना पड़ा है।
फेक अकाउंट पर ब्लू टिक मिलने की शिकायत तब सामने आई जब जीसस क्राइस्ट के अकाउंट को ब्लू टिक मिला। इतना ही नहीं पेड वेरिफिकेशन फीचर के रोल आउट होते ही एप पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जैसी मशहूर हस्तियों के कई फर्जी अकाउंट भी सामने आ गए। कुछ वेरिफाइड अकाउंट में गेमिंग केरेक्टर ‘सुपर मारियों’ और लेकर्स खिलाड़ी लेब्रोन जेम्स के भी फेक अकाउंट शामिल हैं।
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