पेड़ों को लकड़ी के लिए काटा जा रहा
रिपोर्ट के मुताबिक जंगल तेजी से कम हो रहे हैं। पेड़ों को लकड़ी के लिए काटा जा रहा है। खेती और मानव विस्तार के लिए जमीन खाली की जा रही है। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन भी सूखा और जंगल की आग जैसी समस्याओं के कारण अतिरिक्त खतरे पैदा कर रहा है।
हर साल 15 अरब से ज्यादा का सफाया
आइयूसीएन की महानिदेशक ग्रेथल एगुइलर का कहना है कि पेड़ पृथ्वी पर जीवन बनाए रखने के लिए जरूरी हैं। हर साल 15 अरब से ज्यादा पेड़ काटे जाते हैं। मानव सभ्यता की शुरुआत में दुनिया में जितने पेड़ थे, उनकी संख्या आधी हो चुकी है।
भारत में हरियाली और जलवायु : एक नजर
भारत की जलवायु और हरियाली दोनों का गहरा संबंध है। यहां की भौगोलिक विविधता और जलवायु विभिन्न प्रकार के वनस्पति और पारिस्थितिकी तंत्र को जन्म देती है।भारत के दक्षिणी और पूर्वी भागों में घने उष्णकटिबंधीय वन हैं, जो जैव विविधता से भरपूर हैं। उत्तर के पहाड़ी क्षेत्रों में शीतोष्ण वन पाए जाते हैं, जहां मुख्यतः देवदार और चीड के पेड़ हैं। पश्चिमी भारत में, विशेषकर राजस्थान में, सूखे वन हैं, जो शुष्क जलवायु के अनुकूलित हैं। भारत की जलवायु मानसून पर निर्भर करती है, जो हर साल जुलाई से सितंबर तक होती है। यह बारिश की फसल के लिए महत्वपूर्ण है और देश की हरियाली को बनाए रखने में मदद करती है। जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में अत्यधिक गर्मी, सूखा और बाढ़ जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं, जो हरियाली को प्रभावित कर रही हैं। राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के माध्यम से वनस्पति और वन्य जीवों का संरक्षण किया जा रहा है। भारत की हरियाली न केवल पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह कृषि, जलवायु और जीव विविधता को भी प्रभावित करती है। इसके संरक्षण के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है।