सुनवाई के दौरान क्या हुआ ?
कई जस्टिसों ने दो घंटे की सुनवाई के दौरान अमेरिकी सरकार की उन चिंताओं को प्रतिध्वनित किया कि बीजिंग TikTok का उपयोग इसके 170 मिलियन अमेरिकी उपयोगकर्ताओं के महत्वपूर्ण डेटा को एकत्र करने के लिए कर सकता है, जिनमें से अधिकतर वर्तमान में किशोरावस्था या बीसों की शुरुआत में हैं। जस्टिस ब्रेट कावानुघ ने प्रशासन की चिंताओं को दोहराया कि “वे उस जानकारी का उपयोग समय के साथ जासूसों को विकसित करने, लोगों को मोड़ने, ब्लैकमेल करने के लिए करेंगे, जो एक पीढ़ी बाद एफबीआई, सीआईए या राज्य विभाग में काम करेंगे।”
डोनाल्ड ट्रंप का नया कार्यकाल शुरू होने से एक दिन पहले
अपील अदालत ने उस कानून को बरकरार रखा है, जो टिकटॉक पर तब तक प्रतिबंध लगाता है जब तक कि इसे बेचा न जाए। यह कानून 19 जनवरी को प्रभावी होने वाला है, यानी नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नया कार्यकाल शुरू होने से एक दिन पहले। इस पर 14.7 मिलियन अनुयायी हैं।
चीनी सरकार के लिए खुफिया काम करने के लिए बाध्य है ?
इस बीच मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने TikTok के वकील नोएल फ्रांसिस्को से पूछा, “क्या कोर्ट को इस तथ्य को नजरअंदाज करना चाहिए कि अंततः मूल कंपनी वास्तव में चीनी सरकार के लिए खुफिया काम करने के लिए बाध्य है?” फ्रांसिस्को ने तर्क दिया कि यह कानून पहले संशोधन के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है।
TikTok ने अमेरिकी प्रतिबंध को अदालत में चुनौती दी
“यह मामला अंततः अभिव्यक्ति का है,” फ्रांसिस्को ने कहा। “हम जो बात कर रहे हैं वह विचारों की है। यदि पहले संशोधन का कोई मतलब है, तो इसका मतलब है कि सरकार को अभिव्यक्ति पर प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए।”
इस आरोप को कई जजों ने चुनौती दी
“यह कहने का एक अच्छा कारण है कि एक विदेशी सरकार, विशेष रूप से एक प्रतिद्वंदी, को संयुक्त राज्य में अभिव्यक्ति के अधिकार नहीं होने चाहिए,” जस्टिस सैमुअल अलीटो ने कहा। “क्योंकि अगर यह किसी प्रकार की कॉर्पोरेट संरचना के तहत छिपा हो, तो क्या वह सब कुछ बदल जाएगा?”
भारत में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म TikTok
TikTok जल्द ही अत्यधिक लोकप्रिय हो गया, खासकर युवाओं और किशोरों के बीच। TikTok भारत में एक प्रमुख बन गया, जहां यूज़र्स शॉर्ट वीडियो, डांस, मिम्स, कॉमेडी, और अन्य प्रकार के कंटेंट शेयर करते थे। भारतीय उपयोगकर्ता TikTok का इस्तेमाल अपने क्रिएटिव वीडियो बनाने, संगीत पर डांस करने और खुद को मनोरंजन के रूप में प्रस्तुत करने के लिए करते थे। हालांकि भारत सरकार ने सन 2020 में TikTok पर प्रतिबंध लगा दिया, यह कहते हुए कि यह ऐप राष्ट्रीय सुरक्षा और यूजर्स के डेटा की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है। भारत सरकार ने टिकटॉक सहित 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया, और इसका प्रमुख कारण यह था कि इन ऐप्स पर यह आरोप था कि वे भारतीय उपयोगकर्ताओं के डेटा को चीन भेज सकते हैं, जिससे सुरक्षा संबंधी चिंताएँ उठी थीं। इसके अलावा, भारत-चीन सीमा विवाद के बाद, चीनी ऐप्स के प्रति देश में एक नकारात्मक रुख भी बना था। भारत में TikTok का प्रतिबंध लगने के बाद, अन्य शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म जैसे Instagram Reels, YouTube Shorts, और Moj जैसे भारतीय ऐप्स ने अपना विकास तेजी से किया, और ये प्लेटफॉर्म टिकटॉक के समान अनुभव प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं। टिकटॉक के प्रतिबंध के बाद, हालांकि टिकटॉक का उपयोग भारत में कम हो गया, लेकिन यह अभी भी अन्य देशों में बहुत लोकप्रिय है।
आखिर क्या है यह TikTok
टिकटॉक एक लोकप्रिय सोशल मीडिया ऐप है, जिसे चीनी कंपनी ByteDance द्वारा विकसित किया गया है। यह ऐप मुख्य रूप से शॉर्ट-फॉर्म वीडियो बनाने और शेयर करने के लिए उपयोग किया जाता है। यूज़र्स इसमें 15 सेकंड से लेकर 3 मिनट तक के वीडियो बना सकते हैं, जिनमें वे गाने, डांस, कॉमेडी, व्लॉगिंग, शिक्षाप्रद कंटेंट, और अन्य प्रकार के शॉर्ट-फॉर्म वीडियो शेयर करते हैं। दरअसल टिकटॉक को 2016 में चीन में “Douyin” नाम से लॉन्च किया गया था, और फिर 2017 में इसे वैश्विक बाजार में TikTok के नाम से पेश किया गया। यह ऐप बहुत ही जल्दी दुनिया भर में लोकप्रिय हो गया, खासकर किशोरों और युवाओं में, क्योंकि इसमें आकर्षक फिल्टर्स, इफेक्ट्स, और म्यूजिक ट्रैक की सुविधा होती है जो वीडियो को और भी दिलचस्प बनाती है। टिकटॉक पर यूज़र्स वीडियो को लाइक, कमेंट और शेयर कर सकते हैं, साथ ही वे फॉलो भी कर सकते हैं। इसके अलावा, यह ऐप एक एल्गोरिदम पर काम करता है जो यूज़र्स की रुचियों के आधार पर वीडियो सजेस्ट करता है, जिससे उनकी एंगेजमेंट बढ़ती है। टिकटॉक को लेकर कई देशों में सुरक्षा और गोपनीयता के मुद्दे उठाए गए हैं, खासकर यह चिंता जताई गई है कि ऐप का डेटा चीन सरकार के पास जा सकता है, जिससे कई देशों ने टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने पर विचार किया है।