विश्वास को हिन्दी साहित्य के प्रति लगाव विरासत में अपने ननिहाल से मिला – आपके नाना कवि थे और मां सहित पूरा परिवार हिन्दी साहित्य प्रेमी रहा है। वे किशोरावस्था से ही भावपूर्ण कविताएं लिखे रहे हैं और आपका हिन्दी से विशेष लगाव रहा है। कान्वेंट स्कूल में अंग्रेजी भाषा में शुरुआती शिक्षा हुई और फिर इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट की पढ़ाई भी अंग्रेजी माध्यम से हुई , इसके बावजूद विश्वास हिन्दी साहित्य से जुड़े रहे।
विदेश में नौकरी और परिवार की ज़िम्मेदारियों के साथ साथ हिन्दी साहित्य के प्रचार प्रसार में विश्वास बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में कई अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मलेनों और गोष्ठियों का आयोजन किया और कई अन्य में संचालन, समन्वय और काव्य पाठ कर सक्रिय योगदान दिया है। कई साहित्यिक परिचर्चाओं, सेमिनारों में आप बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते रहे हैं और अपने को अग्रणी प्रवासी साहित्यकार के रूप में खुद को स्थापित किया है ।
हिन्दी भाषा पर इनकी पकड़ और प्रस्तुति के अनोखे अंदाज़ के कारण विश्वास काव्य आयोजनों की जान रहते हैं और सोशल मीडिया पर भी काफी प्रसिद्ध हैं । नीदरलैंड्स के कवियों और साहित्यकारों को एक मंच पर साथ लाने में विश्वास ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और नीदरलैंड्स जैसे छोटे से देश को हिन्दी साहित्य ( Hindi Literature) के अंतरराष्ट्रीय पटल पर अंकित करवाने में विशेष योगदान रहा है।
विश्वास ने प्रवासी भारतीयों के तीन साझा काव्य-संग्रहों को प्रकाशित करने का बीड़ा उठाया और उनका संपादन किया है। उनका एकल कविता-कहानी संग्रह पिछले साल प्रकाशित हुआ है और दूसरा एकल संग्रह प्रकाशित होने वाला है । इनकी हिन्दी रचनाएँ कई अंतरराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं और काव्य संग्रहों में प्रकाशित होती रही हैं। हाल ही में फ़िजी में आयोजित बारहवें विश्व हिन्दी सम्मेलन के अवसर पर प्रकाशित स्मारिका और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद Indian Council for Cultural Relations (ICCR ) की पत्रिका ‘गगनांचल (Gagananchal)’ में विश्वास के आलेख प्रकाशित हुए हैं।
उन्हें नीदरलैंड्स में भारतीय दूतावास, गाँधी केंद्र की ओर से उनके प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया है । उन्हें हिन्दी भूषण सम्मान भी मिला है और हाल ही में राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान से भी नवाजा गया है। विश्वास उभरते कवियों को अपनी वेबसाइट काव्यांजलि (kaavyanjali.com) के माध्यम से मंच प्रदान करते हैं और हिन्दी यूनिवर्स फाउंडेशन ( Hindi Universe foundation), साझा संसार, सोपान साहित्यिक संस्था, शेयर योर ह्यूमैनिटी ( Sure your foundation), प्रवासी काव्य संघ , सरहदों के पार आदि कई संस्थाओं से भी सक्रिय रूप से जुड़े हैं।