अलग-अलग जगहों पर किया घातक हमला
सबसे घातक हमला प्रांत के डेरा इस्माइल (DI) खान में हुआ, जहां शुक्रवार की सुबह दरज़िंडा शहर में एक सुरक्षा चौकी पर लक्षित हमले में कम से कम 10 फ्रंटियर कांस्टेबुलरी (एफसी) के जवान मारे गए और तीन घायल हो गए। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के अनुसार 6 जवान दक्षिणी वजीरिस्तान के थे, जबकि 4 करक शहर के थे। मंत्रालय के जारी बयान में कहा गया, “हम FC (फ्रंटियर कोर) के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं। बलिदान से आतंकवाद को खत्म करने के लिए बलों के दृढ़ संकल्प को मजबूती मिलती है।” प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए इसे सैन्य अभियान का बदला बताया,जिसमें बाजौर जिले में सुरक्षा बलों ने उसके कम से कम 9 सदस्यों को मार गिराया था।
मस्जिद में घुसकर सैन्यकर्मी को मार डाला
एक अलग घटना में शुक्रवार को प्रांत के बन्नू और लक्की मरवत जिलों में बंदूकधारी आतंकियों ने कम से कम 3 सुरक्षाकर्मियों को गोलियों से भून डाला।एक अन्य आतंकी हमले में हमलावरों ने पुलिस गश्ती वाहन पर गोलीबारी की। इस हमले में बन्नू के जानी खेल इलाके में स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) रहमान और कांस्टेबल मीर सैयद की मौत हो गई। खैबर पख्तूनख्वा के लक्की मरवत जिले में, शाम की नमाज के दौरान एक स्थानीय मस्जिद के अंदर हमलावरों ने एक अंडर-ट्रेनिंग सैनिक जीसी (जेंटलमैन कैडेट) अरिफुल्ला की हत्या कर दी।
‘मस्जिद पर हमला आतंकियों की विचारधारा को दिखाता है’
पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कहा कि कैडेट छुट्टी पर अपने गांव आया हुआ था। हमले के दौरान घायल हुए दो अन्य लोगों को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ISPR ने कहा, “मस्जिद पर जघन्य और कायराना हमला आतंकवादियों की असली विचारधारा को दर्शाता है।” खैबर जिले में शुक्रवार सुबह मालागोरी पुलिस स्टेशन के अंदर हमलावरों ने एक पुलिस अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी। दक्षिण वजीरिस्तान में एक सुरक्षा चौकी पर हमले में एक सैनिक शहीद हो गया, जबकि केपी के वाना इलाके में हुए विस्फोट में दो पुलिस अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए।