उन्होंने कहा, हम बीजिंग से ताइवान के खिलाफ अपना सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक दबाव तथा बलपूर्वक कार्रवाई बंद करने का अनुरोध करते हैं। ताइवान जलडमरूमध्य में शांति एवं स्थिरता में हमारा स्थायी हितैषी है, इसलिए हम आत्मरक्षा की क्षमता बनाए रखने में ताइवान की सहायता करते रहेंगे।
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जेन साकी ने कहा, हम ताइवान के प्रति चीन की दबाव और बलपूर्वक कार्रवाई को लेकर अपनी चिंता के बारे में स्पष्ट रहे हैं और हम स्थिति पर निकटता से नजर रखते रहेंगे। वहीं, एक अलग बयान में सांसद मार्को रुबियो ने कहा कि ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में चीन के 145 लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी है। ये गतिविधियां ताइवान के राष्ट्रीय दिवस से कुछ दिनों पहले और चीन के राष्ट्रीय दिवस पर शुरू हुईं।
रुबियो ने कहा, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का आक्रामक व्यवहार ताइवान को डराने-धमकाने के लिए है और वह बाकी की दुनिया को एक संदेश भेजना चाहता है। अगर चीन की इन हरकतों की अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने निंदा नहीं की तो राष्ट्रपति शी जिनपिंग सोचेंगे कि उन्हें आगे और आक्रामक गतिविधियों की हरी झंडी मिल गयी है। वहीं, अमरीकी राष्ट्रपति जो बिडेन को यह सुनिश्चित करने के लिए हमारे सहयोगियों के साथ काम करना चाहिए कि चीन ताइवान और अपने पड़ोसी देशों की यथास्थिति का सम्मान करें।
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विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने भी पत्रकारों से कहा कि अमेरिका, ताइवान के समीप चीन की उकसावे वाली सैन्य गतिविधि को लेकर बहुत चिंतित है।