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सूडान हिंसा को दो महीने हुए पूरे, मृतकों, घायलों, विस्थापितों और शरणार्थियों का आंकड़ा कर देगा हैरान

Sudan Violence: सूडान में चल रही हिंसा को दो महीने पूरे हो गए हैं। दो महीने के बाद भी इस खूनी हिंसा के रुकने के आसार नज़र नहीं आ रहे हैं। इस हिंसा की वजह से देश में अब तक काफी नुकसान हो चुका है। आइए उस पर नज़र डालते हैं।

Jun 15, 2023 / 11:24 am

Tanay Mishra

Sudan violence continues

सूडान (Sudan) में आर्मी और पैरामिलिट्री (अर्धसैनिक बल) रैपिड सपोर्ट फोर्सेज़ (Rapid Support Forces) के बीच चल रही हिंसा को दो महीने पूरे हो गए हैं। रैपिड सपोर्ट फोर्सेज़ सूडान में आर्मी का दर्जा चाहती थी और आर्मी इसके खिलाफ थी और यह बात युद्ध की मुख्य वजह बनी। इतने समय से चल रही खूनी जंग के बावजूद दोनों पक्ष पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं। अफ्रीकी महाद्वीप (African Continent) में स्थित इस देश में जब से युद्ध शुरू हुआ है तब से हालात काफी बिगड़ गए हैं। सूडान की राजधानी खार्तूम (Khartoum) से शुरू हुई हिंसा देश के कई हिस्सों में पहुंच चुकी है। सूडान में चल रही इस जंग के चलते देश में सिविल वॉर जैसे हालात बन गए हैं और माहौल काफी खराब हो गया है।


मृतकों और घायलों की संख्या

यूनाइटेड नेशंस (United Nations – UN) के अनुसार सूडान में चल रही जंग की वजह से अब तक 865 से 900 लोगों तक की मौत हो चुकी है और करीब 6,083 लोग घायल हो चुके हैं। और अगर इसी तरह हिंसा जारी रहती है तो मरने वालों और घायलों की संख्या में भी और इजाफा होगा।


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करीब 20 लाख लोग विस्थापित

यूनाइटेड नेशंस की रिपोर्ट के अनुसार सूडान में युद्ध के चलते अब तक करीब 20 लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं। रिपोर्ट के अनुसार आने वाले समय में यह आँकड़ा बढ़ने की संभावना है।

करीब 4.5 लाख सूडानी छोड़ चुके हैं देश

यूनाइटेड नेशंस के अनुसार सूडान में चल रही हिंसा के चलते अब तक करीब 4.5 लाख लोग सूडान छोड़कर दूसरे देशों में शरण के लिए जा चुके हैं। यूनाइटेड नेशंस पहले ही कह चुका है कि आने वाले समय में यह आँकड़ा 8 लाख को भी पार कर सकता है और अब कहा जा रहा है कि यह आँकड़ा 10 लाख को भी पार कर सकता है।

बढ़ी महंगाई, लोग हुए मोहताज

सूडान हिंसा की वजह से देश में काफी नुकसान हुआ है। पब्लिक प्रॉपर्टीज़ के साथ ही कई प्राइवेट प्रॉपर्टीज़ को भी नुकसान पहुंचा है। कई करोड़ों रुपये का नुकसान इस युद्ध की वजह से अब तक हो चुका है। देश में महंगाई क़ाफी बढ़ चुकी है। कई लोग ज़रूरत की चीज़ों के लिए मोहताज हो गए हैं। देश में स्थिति काफी खराब हो गई है।

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