आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगार देश बन गया है कनाडा
श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने कनाडा पर निशाना साधते हुए कहा, “कनाडा अब आतंकियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगार देश बन गया है। कनाडा के पीएम बिना किसी सबूत के दूसरों पर अपमानजनक आरोप लगाने का यही तरीका अपनाते हैं। यही बात उन्होंने श्रीलंका के लिए भी की थी कि श्रीलंका में नरसंहार हुआ था। यह बात सरासर झूठ थी। सभी जानते हैं कि हमारे देश में कोई नरसंहार नहीं हुआ। मैंने कल देखा कि उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नाजियों से जुड़े किसी व्यक्ति का जोरदार स्वागत किया था। इसलिए यह भारत पर उनका लगाया यह आरोप पूरी तरह संदेहास्पद है और हम अतीत में इससे निपट चुके हैं। मुझे इस बात पर आश्चर्य नहीं है कि कभी-कभी कनाडाई पीएम ट्रूडो दूसरों पर इस तरह के अपमानजनक और प्रमाणित आरोप लगाते हैं।”
क्यों बताया आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगार देश?
साबरी के कनाडा को आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगार देश बताने की वजह कनाडा में बढ़ रहे खालिस्तानी आतंकियों और उनकी आतंकी गतिविधियाँ हैं। और आतंकी होने के बावजूद कनाडा सरकार खालिस्तानियों को समर्थन देने के साथ ही उनका बचाव भी करती है जिससे कनाडा इन आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगार देश बन गया है।
भारत की सख्ती के बाद कनाडा के बदले सुर
कनाडा के आरोप को भारत पहले ही नकार चुका है और इसे बेबुनियाद और बेतुका बता चुका है। साथ ही कनाडा के भारत के डिप्लोमैट को बर्खास्त करने के जवाब में भारत ने भी कनाडा के डिप्लोमैट ओलिवियर सिल्वेस्टेर को बर्खास्त करते हुए देश छोड़ने के लिए कह दिया है। इतना ही नहीं, भारत ने कनाडा के लिए वीज़ा सर्विस को भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। साथ ही अपने देशवासियों को भी कनाडा न जाने की सलाह दी है। भारत से विवाद के चलते कई भारतीय बिज़नेस कंपनियों ने भी कनाडा से हाथ खींचना शुरू कर दिया है। वहीं भारत की सख्ती की वजह से कनाडा को इस पूरे मामले में दूसरे देशों का भी साथ नहीं मिल रहा है। ऐसे में भारत की सख्ती की वजह से अब कनाडा के सुर बदल गए हैं।