टेक पेशेवरों के लिए राहत की खबर
अमरीकी सरकार का ये प्रस्ताव उन हजारों भारतीय टेक पेशेवरों के लिए राहत भरी खबर है, जो लंबे समय से ग्रीन कार्ड मिलने का इंतजार कर रहे हैं। ग्रीन कार्ड ना मिलने की वजह से एच-1बी वीजा धारकों के जीवनसाथी अमरीका में काम नहीं कर पा रहे हैं और इनके बच्चों पर लगातार डिपोर्टेशन का खतरा मंडरा रहा है। इस प्रस्ताव पर अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि बहुत लंबे समय से अमरीका का इमिग्रेशन सिस्टम बिखरा हुआ है। इस प्रस्ताव से हमारे देश के मूल्यों को संरक्षित रखते हुए देश की सीमाएं सुरक्षित होंगी और लोगों के साथ निष्पक्षता से व्यवहार होगा। एच-1बी वीजा की देश के लिए अहमियत को देखते हुए वाइट हाउस ने कांग्रेस से इस बिल को तुरंत पारित करने का आग्रह किया है।
18,000 अतिरिक्त ग्रीन कार्ड
इस प्रस्ताव के अंतर्गत अगले पांच वर्षों तक सालाना 18,000 अतिरिक्त रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड भी जारी किए जाएंगे। इस तरह सालाना कुल ग्रीन कार्ड जारी होने की संख्या बढ़कर 1 लाख 58 हजार हो जाएगी। इसके अतिरिक्त, अमरीकी संसद से पारित होने पर इस कानून के अंतर्गत लगभग 25,000 के-1, के-2 और के-3 वीजा धारकों को भी वर्क परमिट जारी किए जाएंगे।
शरणार्थियों को भी राहत
बिल में संरक्षण का हक पाने वाले शरणार्थियों को भी राहत दी गई है। अब वे 180 दिन से पहले अपने परिवार को सपोर्ट देने के लिए अमरीका में कामकाज कर सकेंगे।
तीस सालों में पहली बार बढ़ाई गई वीजा की संख्या
इस बिल के अंतर्गत तीस साल में पहली बार सालाना वीजा की संख्या में 50 हजार की अतिरिक्त बढ़ोतरी की गई है। इस तरह पांच साल में 250000 हजार वीजा जारी किए जाएंगे। इन 250000 वीजा में 160000 परिवार आधारित होंगे और 90000 रोजगार आधारित होंगे।
यूक्रेन को 48 अरब डॉलर
नेशनल सिक्योरिटी एग्रीमेंट 118.28 अरब डॉलर का एक पैकेज है, जिसका ऐलान रविवार को किया गया। इस एग्रीमेंट के तहत सीमा सुरक्षा को और मुस्तैद करने और इजरायल और यूक्रेन को जंग में और मदद देने के साथ-साथ इमिग्रेशन से जुड़े प्रावधान भी शामिल हैं। इस बिल में यूक्रेन की मदद के लिए 48.43 अरब डॉलर का पैकेज है।