सूर्य ग्रहण के दौरान छंट जाते हैं ये बादल भूवैज्ञानिक (Geologist) विक्टर ट्रीज़ और उनके साथी रिसर्चर्स ने सूर्य ग्रहण (Solar eclipse) के दौरान कई तरह के अध्ययन किए थे, जिसमें से एक ये पता चला है कि जब सूर्य ग्रहण होता है कि तो अंधेरे के चलते कुछ बादल छंट जाते हैं, और तो और सूर्य का 15 प्रतिशत हिस्सा भी ढका रहता है तो भी ये प्रक्रिया होने लगती है। वैज्ञानिकों ने ग्रहण के दौरान इस शोध के लिए एक नए तरीके का प्रयोग किया। जिसमें पृथ्वी पर हर स्थान और समय पर अस्पष्ट सूर्य की रोशनी के प्रतिशत को निकाला जाता, और इस दौरान बादलों की गतिविधियां भी देखी जाती। इस दौरान रिसर्चर्स को क्यूम्यलस बादलों (फूले हुए रुई जैसे बादल) की गतिविधियां बेहद अलग थीं।
ग्रहण के बाद वापस वैसे ही बादल बनते इस रिपोर्ट में लिखा है कि अफ्रीका में तीन सूर्य ग्रहणों (Solar eclipse) के दौरान 2005 और 2016 के बीच एक डेटा निकाला गया और इसका विश्लेषण किया गया। जिसमें पता चला है कि सूर्य ग्रहण के दौरान क्य़ू्म्यलस बादल (Cumulus Cloud) बड़े पैमाने पर गायब हो गए, जब सूर्य का केवल 15 प्रतिशत हिस्सा ही ढका था और जैसे-जैसे ये सूर्य ग्रहण खत्म हुआ, बादल फिर से पहले जैसे ही दिखाई देने लगे।
इस तरह होती है पूरी प्रक्रिया इस पूरी घटना को और बेहतर तरीके से समझने के लिए वैज्ञानिकों ने DALES नाम के एक क्लाउड मॉडलिंग सॉफ़्टवेयर का प्रयोग किया। जिसमें पता चला कि जब सूरज की रोशनी में बाधा आने लगती है तो धरती की सतह ठंडी हो जाती है और इससे सतह से जल वाष्प ले जाने वाली गर्म हवा का प्रवाह कम हो जाता है। ये वही प्रक्रिया है जिससे ये क्यूम्यलस बादल (Cumulus Clouds) बनते हैं। खास बात ये है कि ये प्रभाव समुद्र के ऊपर नहीं देखा गया, क्योंकि क्यूम्यलस बादलों के गायब होने के लिए समुद्र का पानी इतनी तेजी से ठंडा नहीं होता है।