दिल्ली से लंदन की फ्लाइट लेने की तैयारी Sheikh Hasina
बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर हो रहे बवाल के कारण हालात बेकाबू हो गए हैं। हिंसा इतनी बढ़ गई है कि उपद्रवियों ने प्रधानमंत्री आवास पर हमला कर दिया। इस स्थिति में, शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और देश छोड़कर भारत आ गई हैं। अब वह दिल्ली से लंदन की फ्लाइट लेने की तैयारी कर रही हैं। देश में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को लेकर उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसके तहत 1971 के मुक्ति संग्राम में लड़ने वालों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत नौकरियां आरक्षित हैं। अब सबकी नजरें 58 वर्षीय वकार-उज-जमां पर टिकी हैं, जिन्होंने 23 जून को तीन साल के लिए सेना प्रमुख का कार्यभार संभाला। बांग्लादेश में इस पद के लिए यही सामान्य कार्यकाल है।
कौन हैं Waker Us Zaman
जमां का जन्म 1966 में ढाका में हुआ था। उनकी शादी जनरल मुहम्मद मुस्तफिजुर रहमान की बेटी सारानाज कमालिका जमां से हुई, जो 1997 से 2000 तक बांग्लादेश के सेना प्रमुख थे। वकार-उज-जमां ने नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ बांग्लादेश से डिफेंस स्टडी में मास्टर्स डिग्री और लंदन स्थित किंग्स कॉलेज से डिफेंस स्टडी में मास्टर्स ऑफ आर्ट्स की डिग्री हासिल की है।
Sheikh Hasina के करीब रहकर किया है काम
सेना प्रमुख बनने से पहले वकार-उल-जमां ने छह महीने से कुछ अधिक समय तक जनरल स्टाफ के प्रमुख के रूप में काम किया। इस दौरान उन्होंने मिलिट्री ऑपरेशन्स और इंटेलिजेंस से जुड़े कामकाज संभाले, साथ ही संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में बांग्लादेश की भूमिका को भी समझा। साढ़े तीन दशक के करियर में उन्होंने शेख हसीना के करीब रहकर काम किया है और प्रधानमंत्री कार्यालय में सशस्त्र बल प्रभाग में प्रमुख स्टाफ अधिकारी के रूप में तैनात थे। सेना की वेबसाइट के अनुसार, जमां सेना के आधुनिकीकरण से भी जुड़े रहे हैं। इस महीने देश में विरोध प्रदर्शन शुरू होने पर, उन्होंने सेना के जवानों से लोगों के जीवन, संपत्तियों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की थी।