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Global Warming: पेड़ों से भी ज्यादा तेजी से प्रदूषण मिटाएगा ये पदार्थ, जानिए कैसे?

‘पिंजरों का पिंजरा’ नामक यह पदार्थ कार्बन डाइऑक्साइड जैसी ग्रीन हाउस गैसों को अपनी तरफ खींचकर अपने अंदर जमा कर लेता है। इस पदार्थ को दो चरणों में बनाया गया है।

नई दिल्लीMay 11, 2024 / 10:01 am

Jyoti Sharma

ग्लोबल वार्मिंग जेट स्ट्रीम और अधिक खतरनाक बना रही है

बढ़ता प्रदूषण आज पूरे विश्व की सबसे बड़ी चुनौती है। अब ब्रिटेन और चीन के वैज्ञानिकों ने अलग-अलग पदार्थों को मिलाकर एक स्पंज जैसा पदार्थ बनाया है, जो वातावरण से ग्रीन हाउस गैसों (Green House Gas) को साफ करने में मदद कर सकता है। ‘पिंजरों का पिंजरा’ नामक यह पदार्थ कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) जैसी ग्रीन हाउस गैसों को अपनी तरफ खींचकर अपने अंदर जमा कर लेता है। इस पदार्थ को दो चरणों में बनाया गया है। पहले चरण में त्रिकोणीय प्रिज्म के आकार के छोटे-छोटे टुकड़ों को आपस में जोड़ा जाता है और दूसरे चरण में ये टुकड़े मिलकर और बड़े पिरामिड का आकार ले लेते हैं। इस पदार्थ में अणुओं की संरचना अब तक देखी गई किसी भी संरचना से अलग है। वैज्ञानिकों का बनाया गया यह नया पदार्थ पानी में सबसे अच्छे परिणाम देता है, इसलिए इसका उपयोग कारखानों में कार्बन को अवशोषित करने के लिए किया जा सकता है। यह अध्ययन जर्नल नेचर सिंथेसिस में प्रकाशित हुआ है।

हानिकारक गैसों को सोखने की क्षमता

एडिनबर्ग की हेरियट-वाट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक और अध्ययन के वरिष्ठ लेखक मार्क लिटिल ने कहा कि यह एक शानदार खोज है, क्योंकि हमें ग्रीनहाउस गैसों को अवशोषित और इकट्ठा करने के लिए इस तरह के पदार्थों की जरूरत है। उन्होंने बताया कि प्रयोगशाला परीक्षणों के दौरान सामने आया कि इस पदार्थ में सल्फर हेक्साफ्लोराइड गैस (एसएफ-6) को सोखने की उच्चतम क्षमता है, जो वातावरण को गर्म करने में सबसे ज्यादा जिम्मेदार मानी जाती है। नया पदार्थ ऊर्जा की खपत को कम कर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को भी रोक सकती है। शोधकर्ताओं का दावा है कि यह पदार्थ ग्रीनहाउस गैसों के साथ हवा में मौजूद अन्य जहरीले धुएं को भी हटा सकता है।

3200 वर्ष तक रहती है हेक्साफ्लोराइड गैस

लिटिल ने बताया कि कार्बन डाइऑक्साइड गैस वायुमंडल में 5 से 200 साल तक रहती है, जबकि सल्फर हेक्साफ्लोराइड गैस 600 से 3,200 साल तक रहती है। वर्तमान में कार्बन डाइऑक्साइड गैस को वायुमंडल से हटाने के तरीके ज्यादा कारगर साबित नहीं हुए, क्योंकि हम हर साल लगभग 20 अरब टन कार्बन छोड़ते हैं और मौजूदा तरीके सिर्फ 2 अरब टन गैस ही हटा पाते हैं। ऐसे में इस नए पदार्थ की मदद से कम खर्च में हवा से ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड निकाली जा सकेगी। शोधकर्ताओं के अनुसार यह नया पदार्थ हवा में मौजूद ग्रीनहाउस गैसों के साथ-साथ कारों से निकलने वाले जहरीले धुएं को भी हटा सकता है।

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