पूरे सऊदी अरब में अदा की जाती है विशेष नमाज़
सऊदी अरब में बारिश ना होने और सूखा पड़ने पर बारिश के लिए विशेष नमाज़ पढ़ने और अल्लाह से दुआ करने की परंपरा रही है। बारिश ना होने पर लोग बारिश के लिए दुआ मांगते हैं। इसे सऊदी की इस्लामी परंपरा का हिस्सा माना जाता है। सऊदी में बारिश के लिए होने वाली विशेष नमाज़ को इस्तिस्क़ा कहा जाता है, जो पूरे सऊदी अरब में अदा की जाती है।
पैग़ंबर के वक़्त से हो रही है इस्तिस्क़ा नमाज़
सऊदी में ऐसी मान्यता है कि सूखा पड़ने पर पैग़ंबर मुहम्मद खास नमाज़ इस्तिस्क़ा (Istisqa prayer) पढ़ कर अल्लाह से बारिश के लिए दुआ की थी। इसके बाद से सऊदी में लोग इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। इस्तिस्क़ा दो रकअत नमाज़ है, इसकी पहली रकअत में सात और दूसरी रकअत में छह तकबीर होती हैं। सऊदी अरब में वर्षों से यह नमाज़ हो रही है।
सऊदी अरब में कम होती है बारिश
सऊदी अरब की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि वहां काफी कम बारिश होती है। बीते कुछ बरसों के दौरान जलवायु परिवर्तन की वजह से भी सऊदी के मौसम में बदलाव आ रहे हैं। इससे कई तरह की परेशानियां पैदा हो रही हैं। सऊदी के कई हिस्सों में इस वक्त पानी की काफी कमी है और लोग बारिश की उम्मीद में आसमान की तरफ देख रहे हैं। ऐसे में बारिश होती है तो लोगों को राहत मिलेगी।