All is not well between USA and Saudi Arabia!
पिछले कुछ समय में एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। एक के बाद एक कई देश ग्लोबल व्यापार, चाहे खरीदी हो या बिक्री, के लिए अमेरिकी डॉलर का इस्तेमाल बंद कर रहे हैं। ये देश अपनी लोकल करेंसी को तरजीह दे रहे हैं। इससे अमेरिका को झटका लग रहा है। हालांकि फिलहाल इसका अमेरिकी डॉलर पर कोई असर नहीं पड़ रहा है, पर जल्द ही अमेरिकी डॉलर पर कई देशों के इसे इस्तेमाल न करने की वजह से नकारात्मक असर पड़ सकता है। हाल ही में अमेरिकी डॉलर के इस्तेमाल के मामले में एक और देश ने अमेरिका (United States Of America) को झटका दे दिया है।
सऊदी अरब तेल की बिक्री के लिए अब नहीं करेगा डॉलर का इस्तेमाल
सऊदी अरब ने हाल ही में अमेरिका को बड़ा झटका दे दिया है। सऊदी अरब दुनिया में तेल (कच्चे तेल) का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है और कई देशों को तेल बेचता है। ऐसे में सऊदी अरब काफी ज़्यादा मात्रा में तेल बेचता है। पर अब तेल की बिक्री के लिए सऊदी अरब अमेरिकी डॉलर का इस्तेमाल नहीं करेगा।
पेट्रो-डॉलर समझौते को आगे नहीं बढ़ाएगा सऊदी अरब
अमेरिका और सऊदी अरब के बीच पिछले 50 साल से पेट्रो-डॉलर समझौता था। इस समझौते के तहत सऊदी अरब तेल की बिक्री के बदले अमेरिकी डॉलर लेता था। यह समझौता 9 जून को खत्म हो गया है और सऊदी अरब इसे आगे नहीं बढ़ाएगा। इससे अमेरिकी डॉलर के साथ ही अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा।