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सऊदी अरब की रहस्यमयी सड़क, जहां ढलान से उल्टी दिशा में अपने आप चलती हैं गाड़ियां 

Saudi Arabia: सऊदी अरब के मक्का और मदीना में बेहद रहस्यमयी घाटी हैं। ये दुनिया की सबसे रहस्यमयी और चमत्कारी घाटी मानी जाती हैं।

नई दिल्लीDec 16, 2024 / 02:29 pm

Jyoti Sharma

Saudi Arabia Mecca Madina Magnetic Zone Road vehicles move in opposite direction

Saudi Arabia: ये दुनिया कई ऐसे रहस्यों से भरी पड़़ी है जिनके सच आज तक वैज्ञानिक भी नहीं ढूंढ पाए हैं और जिनके सच होने के दावे किए जाते हैं, उनमें भी मतभेद निकल आते हैं। ऐसी ही एक रहस्यमयी जगह सऊदी अरब में है। ये जगहें सऊदी के सबसे पवित्र स्थल मक्का और मदीना में हैं। मक्का और मदीना के बीच एक घाटी है इसे वादी-अल-बैदा (Wadi-Al-Bayda) या वादी-जिन्न कहा जाता है। इस घाटी को लेकर दावा किया जाता है कि इन सड़कों पर कोई भी गाड़ी ढलान के उल्टी दिशा में अपने आप ही चलने लग जाती है और तो और इन दावों को लेकर कई वीडियो भी जारी किए जाते रहे हैं। आखिर इस वादी जिन्न (Wadi Jinn) जगह का रहस्य क्या है, इसका वैज्ञानिक कारण क्या है, ये हम आपको बता रहे हैं।

वादी जिन्न का क्या है रहस्य

अरब न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक वादी जिन्न या वादी अल बैदा मदीना से 35 किमी की दूरी पर स्थित है। वादी जिन्न को वैज्ञानिक भाषा में “मैग्नेटिक हिल” भी कहते हैं। इस जगह पर गाड़ियों और पानी जैसे वस्तुओं को ढलान के उल्टी दिशा में, ऊपर की तरफ जाते हुए देखे जाने का दावा किया जाता है जो इसे बेहद रहस्यमयी बनाता है। यहां पर जाने वाले कई लोग इन घटनाओं के वीडियो बनाते हैं। वीडियो सामने आने के बाद इस बात पर यकीन ना हो, इसका कोई आधार नहीं रह जाता। 
लोगों का कहना है कि ये वादी अल बैदा सड़क वादी जिन्न के पास स्थित है और मुख्य रूप से इस स्थान तक पहुंचने का मार्ग है। इस सड़क पर गाड़ियों को बिना इंजन चलाए पीछे की ओर खिंचते हुए देखा जा सकता है, यही घटना इस जगह के आकर्षण को और बढ़ाता है। ये सड़क पहाड़ों और रेतीले इलाकों के बीच से होकर गुजरती है। स्थानीय लोगों की मान्यता है कि यहां जिन्न (अदृश्य शक्तियों) का वास है, इसलिए इसे “वादी जिन्न” नाम दिया गया।

क्या कहते हैं वैज्ञानिक 

अरब न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक कई वैज्ञानिकों का कहना है कि ये जगह एक तरह की मैग्नेटिक हिल है। यानी ये जगह मैग्नेटिक जोन में आती है। इसलिए मेटल वाली हर वस्तु चुंबकीय तरंगों की तरफ चलने लग जाती है। भूवैज्ञानिक विशेषज्ञ बताते हैं कि ये घटना, जिसे रिवर्स ग्रेविटी के रूप में जाना जाता है, किंगडम के अन्य क्षेत्रों में भी स्पष्ट है, जिसमें असीर और नज़रान के दक्षिणी क्षेत्र शामिल हैं। इसे आमतौर पर कुछ चट्टानी पहाड़ी क्षेत्रों में होने वाली एक प्राकृतिक घटना माना जाता है। आसपास के क्षेत्र के पहाड़ों में चुंबकीय गुण होते हैं, जो कारों को आकर्षित करते हैं। पहियों वाली कोई भी लोहे की वस्तु अपने आप चलती है।
वहीं इस जगह को लेकर आम धारणा ये है कि यहां पर गुरुत्वाकर्षण बल काम नहीं करता या उल्टा काम करता है। लेकिन वैज्ञानिकों की जांच में ये मिथ निकला। वैज्ञानिक इसे ऑप्टिकल इल्यूजन यानी दृष्टिभ्रम मानते हैं। शोध के मुताबिक यहां पर गुरुत्वाकर्षण वैसे ही काम करता है, जितना दुनिया में हर जगह है। लेकिन यहां पर ऐसी स्थिति पैदा हो जाती है कि जहां ढलान वास्तव में कम दिखती है, लेकिन असल में ऐसा होता नहीं है, ये स्थिति बिल्कुल ‘मिराज’ की तरह है जिसमें कड़ी धूप होने पर सड़कों और रेगिस्तान पर पानी दिखाई देने लगता है, लेकिन वो होता नहीं है।
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