क्या है ये नया नियम
सऊदी अऱब के वाणिज्य मंत्री डॉक्टर माजिद अल कसाबी ने इन नए नियमों का ऐलान किया और कहा कि इन नियमों का उद्देश्य सऊदी अरब के राष्ट्रीय औऱ धार्मिक प्रतीकों के दुरुपयोग को रोकना है। अगर इन नियमों का पालन नहीं किया गया तो आरोपी को जुर्माना और मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। इन नए नियमों के मुताबिक सऊदी अरब के राष्ट्रीय ध्वज, वहां के शासकों और ऐतिहासिक प्रतीकों को निजी, व्यावसायिक और विक्रय के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा धार्मिक प्रतीकों का भी किसी प्रोडक्ट या प्रचार के लिए इस्तेमाल पर पाबंदी रहेगी।भारतीयों समेत विदेशी और स्थानीय लोगों के लिए जागरूकता अभियान
ये नियम आधिकारिक घोषणा के 90 दिनों के भीतर लागू हो जाएगा। जिससे सऊदी अरब के व्यापार और व्यक्तिगत इस्तेमाल के तौर-तरीके बदल जाएंगे। सऊदी के लोग और वहां रह रहे भारतीय समेत अन्य विदेशी लोग इसका पालन करें इसके लिए प्रशासन की तरफ से जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।क्या हैं राष्ट्रीय और धार्मिक प्रतीक
राष्ट्रीय प्रतीक-
1- राष्ट्रीय प्रतीकों में सऊदी का राष्ट्रीय राष्ट्रीय शामिल है। इस राष्ट्रीय ध्वज पर हरे रंग का बैकग्राउंड है और साथ में सफेद रंग में इस्लामी शाहादा (ईमान की घोषणा) और तलवार बनी हुई है। इसे इस्लाम और न्याय का प्रतीक माना जाता है। 2- इसके अलावा सऊदी अरब का एक और राष्ट्रीय प्रतीक दो तलवारों के ऊपर एक खजूर का पेड़ है। ये समृद्धि और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है।
3- इनके अलावा शाही परिवार और शासक की छवियों को भी राष्ट्रीय प्रतीकों से जोड़ा जाता है।
धार्मिक प्रतीक
1- मक्का में स्थित काबा इस्लाम का सबसे पवित्र स्थल और तीर्थयात्रा (हज) का केंद्र माना जाता है। ये इस्लामी धर्म का धार्मिक प्रतीक है। काबा सऊदी अरब में ही स्थित है। 2- सऊदी के मदीना में स्थित मस्जिद-ए-नबवी भी सऊदी के धार्मिक प्रतीकों में शामिल है। ये पैगंबर मुहम्मद की मस्जिद है जो इस्लाम के दूसरे पवित्र स्थल के रूप में जानी जाती है।
3- कुरान इस्लामी धर्म का सबसे पवित्र ग्रंथ है इसे सऊदी अरब के धार्मिक जीवन का मुख्य आधार माना जाता है। 4-चांद और सितारा इस्लाम का पारंपरिक प्रतीक है जो धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ है।