समोसा (Samosa) आया कहां से ?
क्या आप भी इतने समय से यह ही सोचते थे की समोसा (Samosa) भारतीय नाश्ता है लेकिन ऐसा नहीं हैं। हम सब का पसंदीदा समोसा का इतिहास बड़ा ही रोचक है। माना जाता है कि समोसे की पैदाइश 10वीं सदी के दौरान मध्य पूर्व देशों यानी मिडिल ईस्ट से हुई थी, जहां इसे ‘संबोसा’ कहा जाता था। समोसे को 13-14वीं सदी में पर्शियन व्यापारी और यात्री भारत लाए थे क्योंकि ये आकर में काफी छोटे हुआ करते थे और इन्हें यात्री दूर के सफर में अपने साथ ले जाते थे क्योंकि ये लंबे समय तक फ्रेश बने रहते थे और स्वाद में काफी अच्छे लगते थे। इसलिए इन्हें बैग में आसानी से पैक कर लिया जाता था। इसके बाद जब समोसा भारत पहुंचा तो प्रसिद्ध कवि और शायर अमीर खुसरो को भी इसका स्वाद बहुत पसंद आया और उन्होंने अपनी शाही रसोई में इसे जगह दे दी।
भारतीयों का मनपसंदीदा कैसे बना समोसा ?
मुगल काल के दौरान ही भारत में समोसा तेजी से लोकप्रियता हासिल करने लगा। अमीर खुसरो के साथ ही मुगलों ने इसे अपने रसोई में शामिल किया और इसे शाही भोजन में परोसा। धीरे-धीरे ये आम जनता के बीच भी लोकप्रिय हो गया। भारतीयों ने समोसे में अपनी स्थानीय सामग्री, जैसे आलू, मटर, पनीर और कई मसालों का उपयोग करके इसे और भी स्वादिष्ट बनाया।
इन देशों का भी फेवरेट है समोसा
आज समोसा भारतीय नाश्ते का एक अहम हिस्सा बन चुका है। ये न केवल भारत में बल्कि दक्षिण एशिया और दुनिया के कई हिस्सों जैसे अफ्रीका, पुर्तगाल, नेपाल, इजराइल में भी काफी फेमस है और अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है।
भारत में तरह-तरह के समोसे
आज भारत में भी समोसे कम से कम 15 से 20 वैराइटी मिलती हैं। जैसे पंजाबी समोसा जो मोटे आटे से बनता है और मसालेदार होता हैं, बंगाली समोसा जो पतले आटे से बनता और खाने में खट्टा-मीठा होता हैं। हैदराबादी समोसा जिसमे मटन मसाले के तौर पर डाला जाता है, गुजरात में भी समोसा छोटे आकर का मिलता है जसिमे मटर और बीन्स डाला जाता है, गोवा में भी समोसे को ‘chamuças’ कहां जाता है जिसमें चिकन, मटन और बीफ मसाले डाला जाता हैं। समोसा अपने स्वादिष्ट और इसकी कई वैराइटी होने के चलते भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय खाने-पीने की संस्कृति में एक अहम जगह बना चुका है। इसके इतिहास और इसकी व्यापक लोकप्रियता ने इसे दुनिया भर में लोगों का एक मनपसंद नाश्ता बना दिया है।