हालांकि, यूरी उशाकोव ने समझौतों का नाम लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि समझौते को अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने यह जरूर बताया कि ज्यादातर समझौते विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। बता दें कि वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए 6 दिसंबर को रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन नई दिल्ली पहुंच रहे हैं। करीब 2 साल के बाद दोनों नेता आमने-सामने होंगे। इससे पहले, नवंबर 2019 में ब्रासीलिया में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद रूस के राष्ट्रपति पुतिन और भारतीय प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली आमने-सामने बैठक होगी। दोनों देश रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।
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ब्लादिमीर पुतिन की यात्रा से पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि दोनों देशों के रक्षा और विदेश मामलों के मंत्रियों के बीच 6 दिसंबर को नई दिल्ली में बैठक होनी है। सोमवार 6 दिसंबर को दिन की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु, सैन्य-तकनीकी सहयोग पर इंटरगवर्नमेंटल कमीशन के सह-अध्यक्षों की बैठक से होगी।
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21वां सालाना भारत-रूस शिखर सम्मेलन 6 दिसंबर की दोपहर को होगा। करीब 2 साल के बाद दोनों नेता आमने-सामने होंगे। इसमें द्विपक्षीय संबंधों की संभावनाओं की समीक्षा की जाएगी। दोनों देश रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। अरिंदम बागची ने बताया है कि ब्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी के पास आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मसलों पर बातचीत करने का मौका होगा।