रूसी सेना लगातार यूक्रेन के इलाकों पर कब्जे का दावा कर रही है। खेरसॉन पर नियंत्रण, काला सागर बंदरगाह में स्थानीय सरकारी मुख्यालय समेत कई अन्य इलाकों पर कब्जा किया जा चुका है। युद्ध को नौ दिन हो गए हैं और लगातार रूसी सेना यूक्रेन में आगे बढ़ रही है। लेकिन रूस के लिए ये इतना आसान नहीं होता अगर पुतीन आर्मी के 5 बड़े चेहरे साथ नहीं होते। जानते हैं वो 5 चेहरे कौन है जो व्लादिमीर पुतिन की ताकत बने हुए हैं।
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1. सर्गेई शोइगु – रूस के सेनाध्यक्ष और पुतिन के वफादार सर्गेई शोइगु रूसी राष्ट्रपति के फैसलों को सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं। वे लंबे समय से यूक्रेन की सेना को घटाने और पश्चिम की सैन्य ताकत से रूस की रक्षा को लेकर काम कर रहे हैं। शोइगु को पुतिन के सबसे करीबी और वफादारों में गिना जाता है।
2. निकोलाई पातरुशेव- निकोलाई पातरुशेव का पुतिन के साथ जुड़ाव काफी पुराना है। पातरुशेव 1970 के दशक में सेंट पीटर्सबर्ग के दिनों से पुतिन के करीबियों में शामिल रहे हैं। पातरुशेव को पुतिन तीन सबसे करीबी सहयोगियों में से एक माना जाता है।
बताया जाता है कि पुतिन पातरुशेव की बात जल्दी मान लेते हैं। ये दोनों न केवल केजीबी में एक साथ थे बल्कि उन्होंने एफएसबी में भी वर्षों तक प्रमुख की भूमिका निभाई है।
3. सर्गेई नारिश्किन- सर्गेई नारिश्किन इन दिनों खास चर्चा में हैं। दरअसल सर्गेई भी पुतिन के साथ काफी लंबे समय से जुड़े हुए हैं। युद्ध के साथ-साथ अन्य खुफिया फैसलों में पुतिन इनकी सलाह जरूर लेते हैं। मौजूदा समय में सर्गेई फॉरेन इंटेलिजेंस सर्विस के निदेशक हैं। 1990 के दशक से वे पुतिन के साथ हैं। 2004 में वे पुतिन के ऑफिस में शामिल हुए और फिर संसद के वक्ता बने।इसके साथ ही वे रूस की रशियन हिस्टोरिकल सोसाइटी के भी प्रमुख हैं।
4. सर्गेई लावरोव- रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई लावरोव रूस के सबसे वरिष्ठ नौकरशाह हैं। लावरोव को रूस का चाणक्य कहा जाता है। राजनीतिक मामलों में पुतिन सबसे ज्यादा इनकी ही सलाह को तवज्जो देते हैं। एक चालाक राजनयिक के तौर पर भी इनकी पहचान है। लावरोव ही दुनिया के सामने रूस का पक्ष रखते हैं।
5. वैलेन्तीना मातवियेंको- रूसी राष्ट्रपति पुतिन की भरोसेमंद ब्रिगेड में ये इक लौती महिला हैं। वैलेन्तीना मातवियेंको पुतिन के नजदीकी सलाहकारों में शामिल हैं। मातवियेंको भी सेंट पीटर्सबर्ग के समय से पुतिन के साथ हैं। वर्ष 2014 में उन्होंने क्रीमिया के रूस में विलय में अहम भूमिका निभाई थी।
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