क्या था रूस और बेलारूस का समझौता?
कुछ समय पहले दोनों देशों में एक समझौता हुआ था। दोनों पड़ोसी देश हैं और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्ज़ेंडर लुकाशेंको (Alexander Lukashenko) अच्छे दोस्त भी हैं। ऐसे में दोनों ने समझौता करते हुए रूस के परमाणु हथियारों का एक जखीरा बेलारूस में तैनात करने के फैसला लिया था।
बेलारूस पहुंचा रूस के परमाणु हथियारों का जखीरा
रूस के परमाणु हथियारों का जखीरा आज बेलारूस पहुंच गया है। बेलारूस ने शुरू से इस युद्ध में खुले तौर पर रूस को समर्थन दिया है। रूस के बेलारूस में परमाणु हथियारों का एक जखीरा तैनात करने की एक वजह यह भी है कि बेलारूस और यूक्रेन भी पड़ोसी हैं और बेलारूस में इन हथियारों की तैनाती से यूक्रेन को रेंज पर लिया जा सकता है।
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लुकाशेंको ने दी धमकी रूस के परमाणु हथियारों का एक जखीरा बेलारूस में आने के बाद बेलारूसी राष्ट्रपति लुकाशेंको ने धमकी दे दी है। लुकाशेंको ने धमकी देते हुए कहा है कि पुतिन को उन्हें सिर्फ एक फोन करके मंजूरी देने की ज़रूरत है। उसके बाद वह बेलारूस में तैनात रूस के परमाणु हथियारों को यूक्रेन के खिलाफ इस्तेमाल करने से बिल्कुल नहीं हिचकिचाएंगे।
क्या है बेलारूस में परमाणु हथियार तैनात करने की वजह?
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को चलते हुए 16 महीने पूरे होने वाले हैं और अभी भी इसमें रूस को जीत नहीं मिली है। वहीं लगातार मिल रही इंटरनेशनल हेल्प की वजह से यूक्रेनी आर्मी डटकर रुसी आर्मी का सामना कर रही है। इस युद्ध की वजह से अब तक बड़ी तादाद में रुसी आर्मी के भी सैनिक मारे जा चुके हैं। वित्तीय रूप से भी रूस को इस युद्ध में काफी नुकसान हो चुका है। साथ ही रूस पर कई प्रतिबंधों की मार भी पड़ चुकी है।
लंबे समय से रक्षात्मक रणनीति के साथ आगे बढ़ रहे यूक्रेन ने कुछ समय पहले ही इस युद्ध में जवाबी कार्रवाई भी शुरू कर दी है। ऐसे में यूक्रेनी आर्मी इस युद्ध में भारी भी पड़ सकती है। इसी खतरे को ध्यान में रखते हुए रूस ने अपने परमाणु हथियारों की एक खेंप को बेलारूस में तैनात करने का फैसला लिया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रूस के पास सबसे ज़्यादा 4,489 परमाणु हथियार हैं।