कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये अनुमान लगाया जा रहा है कि इस मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन को लेकर चर्चा हो सकती है। दोनों राष्ट्रपति कई मुद्दों पर चर्चा करने वाले हैं। इनमें व्यापार और आर्थिक सहयोग, क्षेत्र में सुरक्षा के लिए मौजूदा चुनौतियां, दोनों देशों के राष्ट्रीय हितों को सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर चर्चा भी शामिल है।
बेलारूस-रूस के लिए बेहद जरूरी देशों में से एक है। यही वजह है कि उसने यूक्रेन को घेरने के लिए बेलारूस में 30 हजार के करीब सैनिकों को तैनात किया हुआ है। इसके अलावा, दोनों मुल्कों सैन्य अभ्यास भी कर रहे हैं।
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वहीं, रूस ने बुधवार को कहा कि वह और अधिक सैनिकों तथा हथियारों को सैन्य अड्डों पर वापस ला रहा है। इससे ऐसा लग रहा है कि रूस यूक्रेन पर हमला करने का इरादा नहीं रखता है।रूस ने यूक्रेन के पूर्व, उत्तर और दक्षिण में करीब 1,50,000 सैनिक जमा कर रखे हैं।
इसके चलते पश्चिमी देशों ने उसके हमला करने की कथित योजना को लेकर चिंता जताई। हालांकि, इन सैनिकों के बड़ी संख्या में लौटने के बारे में कोई संकेत नहीं हैं। लेकिन इस हफ्ते मॉस्को से मिले कुछ संकेतों से यह उम्मीद जगी है कि यूरोप में युद्ध टल सकता है। रूस ने भी कहा है कि वह युद्ध नहीं चाहता है।
16 फरवरी यानी बुधवार को, रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक वीडियो जारी किया, जिससे यह समझ आता है कि बख्तरबंद वाहनों से लदी हुई एक मालगाड़ी क्रीमिया, काला सागर प्रायद्वीप से दूर एक पुल को पार कर रही है। रूस ने इस प्रायद्वीप को 2014 में अपने भू-भाग में मिला लिया था।
बुधवार को, रूसी लड़ाकू विमानों ने बेलारूस के आसमान में प्रशिक्षण उड़ानें भरी, जो उत्तर की ओर से यूक्रेन के पड़ोस में है। वहीं, अर्द्ध-सैनिकों ने फायरिंग रेंज में गोलीबारी का अभ्यास किया।बेलारूस के विदेश मंत्री व्लादिमीर मकेई ने फिर से इसकी पुष्टि की है कि रूसी सैनिक रविवार तक अभ्यास पूरा कर देश से चले जाएंगे।
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