बेलारूस पहुंचे रूस के परमाणु हथियार
रूस ने हाल ही में अपने कुछ परमाणु हथियार बेलारूस (Belarus) पहुंचा दिए हैं। बेलारूस और रूस पडोसी भी हैं और बेलारूस ने शुरू से इस युद्ध में खुले तौर पर रूस को समर्थन दिया है। रूस के बेलारूस में परमाणु हथियार तैनात करने की एक वजह यह भी है कि बेलारूस और यूक्रेन भी पड़ोसी हैं और बेलारूस में इन हथियारों की तैनाती से यूक्रेन को आसानी से रेंज पर लिया जा सकता है। रूस ने अपने टैक्टिकल परमाणु हथियार बेलारूस में तैनात किए हैं। इससे रूस के इन हथियारों का इस्तेमाल करने का खतरा भी बढ़ गया है।
रूस और बेलारूस में हो चुका है समझौता
पिछले साल रूस और बेलारूस में एक समझौता हुआ था। दोनों पड़ोसी देश हैं और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्ज़ेंडर लुकाशेंको (Alexander Lukashenko) अच्छे दोस्त भी हैं। ऐसे में दोनों ने समझौता करते हुए रूस के परमाणु हथियारों को बेलारूस में तैनात करने का समझौता किया था। पिछले साल भी रूस ने अपने कुछ परमाणु हथियार बेलारूस में तैनात किए थे।
पीएम मोदी के पुतिन से संबंध के चलते पहले टल चुका है खतरा
हाल ही में सामने आई एक अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार पुतिन 2022 के अंत तक यूक्रेन पर परमाणु हमले के तैयारी में थे। पुतिन ने इसकी तैयारी भी कर ली थी और अमेरिका की सरकार भी इससे काफी चिंतित थी। ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe BIden) के प्रशासन ने भारतीय सरकार से संपर्क करते हुए उनसे गुज़ारिश की कि परमाणु हमले के खतरे को टालने के लिए भारत (India) के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) प्रयास करें। पीएम मोदी ने न सिर्फ पुतिन से इस बारे में बात की, बल्कि सार्वजनिक रूप से समय-समय पर इस बात पर भी जोर दिया कि रूस-यूक्रेन के के बीच विवाद का हल युद्ध नहीं, बल्कि शांति है और दोनों को इस मामले को शांति से सुलझाना चाहिए। पीएम मोदी ने पुतिन से यह भी कहा था कि यह दौर युद्ध का नहीं है। पीएम मोदी के पुतिन से संबंध की परमाणु हमले के खतरे को टालने में अहम भूमिका रही। रूस के करीबी कुछ अन्य देशों ने भी इसमें भूमिका निभाई थी और खुले तौर पर रूस को ऐसा न करने की सलाह थी थी।