रूस के इस परमाणु शक्ति प्रदर्शन के दौरान देश के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और बेलारूस का तानाशाह लुकाशेंको भी क्रेमलिन में मौजूद रहे। इस अभ्यास की शुरुआत में रूस ने देश के पश्चिमोत्तर इलाके में स्थित रूसी अड्डे से मिसाइल दागी। इसके कुछ सेकंड बाद ही बैरंट सागर में एक पनडुब्बी की मदद से दूसरी मिसाइल को लांच किया गया। इन दोनों ही मिसाइलों ने हजारों किलोमीटर दूर स्थित अपने लक्ष्य को निशाना बनाया। इन मिसाइलों में विस्फोटक नहीं थे इसलिए कोई जनहानि नहीं हुई।
रूस ने जिन मिसाइलों परीक्षण किया उनमें यार्स मोबाइल अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल, सिनेवा (समुद्र से लांच की जाने वाली बलिस्टिक मिसाइल), टीयू-95 बॉम्बर की मदद से हवा से दागे जाने वाली क्रूज मिसाइल, कैलिबर (सबमरीन से लांच की जाने वाली क्रूज मिसाइल), इस्कंदर जमीन से लांच की जाने वाली क्रूज मिसाइल शामिल हैं।
इसके अलावा रूस ने अपनी ब्रह्मास्त्र कहे जाने वाली हाइपरसोनिक मिसाइलों किंझल और जिरकॉन का भी परीक्षण करके दुनिया को सख्त संदेश दिया। किंझल को जहां मिग 31 के फाइटर जेट से वहीं जिरकॉन को जंगी जहाज से दागा गया।
यह भी पढ़ें
रूस और यूक्रेन विवाद: भारत पर पड़ सकता है इसका सीधा असर, तेल की कीमतों के साथ महंगाई बढ़ने की आशंका
रूस के रक्षा मंत्रालय ने इन मिसाइलों के परीक्षण के वीडियो को जारी किया है। एक वीडियो में रूसी जनरल वलेरी गेरासिमोव पुतिन से कहते नजर आ रहे हैं, ‘इस अभ्यास का मुख्य मकसद रणनीतिक आक्रामक बल को प्रशिक्षण देना है ताकि दुश्मन की हार को हर तरीके से गारंटी दी जा सके।’
रूसी राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि उत्तरी और काला सागर में मौजूद जंगी जहाजों और सबमरीन ने कैलिबर क्रूज मिसाइल और जिरकॉन हाइपरसोनिक मिसाइलों से समुद्र और जमीन पर मौजूद लक्ष्यों को निशाना बनाया।
यह भी पढ़ें
यूक्रेन पर हमला हुआ तो भारत किसका साथ देगा? अमेरिका जताई ये उम्मीद
देखें ये विडियो: