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UNSC: एक महीने के लिए रूस के पास आई ‘सुपर पॉवर’! अमेरिका को भी मानना पड़ सकता है ये फैसला

Russia Became President of UNSC: रूस को मिली इस अध्यक्षता का फायदा गाज़ा को मिल सकता है। क्योंकि रूस ने यूक्रेन मुद्दे को छोड़कर गाज़ा के मुद्दे पर बहस कराने के लिए कार्यक्रम बनाया है

नई दिल्लीJul 03, 2024 / 10:13 am

Jyoti Sharma

Russia became president of United Nations Security Council

Russia became president of United Nations Security Council

Russia Became President of UNSC: रूस को जुलाई महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्ष बनाया गया है। अध्यक्षता संभालने के बाद संयुक्त राष्ट्र में रूस (Russia) के राजदूत वसीली नेबेंजिया ने गाजा पट्टी की स्थिति को लेकर अमेरिका की आलोचना की है। उन्होंने कहा, 17 जुलाई को गाजा (Israel-Hamas War) की स्थिति पर मंत्रिस्तरीय खुली चर्चा आयोजित करने की योजना की घोषणा भी की, जिसकी अध्यक्षता रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergei Lavrov) करेंगे। संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वसीली नेबेंजिया ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पत्रकारों से बात की। मीडिया से बातचीत करते हुए संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में रूस के स्थायी प्रतिनिधि वसीली नेबेंज़्या ने रूस की अध्यक्षता के दौरान होने वाले कार्यक्रमों के बारे में बताया।

अध्यक्षता के दौरान इन 3 मुद्दों पर फोकस करेगा रूस

1- इस रूपरेखा के मुताबिक पहला प्रमुख कार्यक्रम 16 जुलाई को होने वाली न्यायसंगत, लोकतांत्रिक और टिकाऊ विश्व व्यवस्था स्थापित करने के लिए बहुपक्षीय सहयोग पर एक खुली बहस होगी, जहां रूस एक नए वैश्विक “सुरक्षा समीकरण” का मुद्दा पेश करेगा।
2- दूसरा, मध्य पूर्व यानी मिडिल ईस्ट के हालातों को सुलझाने के लिए एक खुली बहस 17 जुलाई को होगी। 16 और 17 जुलाई को दोनों बैठकों की अध्यक्षता रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करेंगे। 
3- वहीं तीसरा आयोजन 19 जुलाई को होगा। जिसमें संयुक्त राष्ट्र और क्षेत्रीय संगठनों, खास तौर पर सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन यानी CSTO, स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल (CIS) और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के बीच सहयोग पर एक बहस होगी। रूस की अध्यक्षता के दौरान राष्ट्रपति पद के दौरान होने वाली तीन प्रमुख घटनाओं में से एक मि़डिल ईस्ट और गाजा के हालातों पर होने वाली बहस है। 

अमेरिका मानेगा रूस का फैसला!

वहीं रक्षा जानकारों का कहना है कि रूस को मिली इस अध्यक्षता का फायदा गाज़ा को मिल सकता है। क्योंकि रूस ने यूक्रेन मुद्दे को छोड़कर गाज़ा के मुद्दे पर बहस कराने के लिए कार्यक्रम बनाया है उसने पश्चिमी देशों के तमाम प्रतिबंधों और वैश्विक तौर पर धूमिल हो रही अपनी छवि को सुधारने का एक मौका अपने लिए बनाया है। गाज़ा का मुद्दा एक ऐसा मुद्दा है जिस पर अमेरिका समेत सभी पश्चिमी देश रूस के इस मास्टरस्ट्रोक पर उसका साथ दे सकते हैं। 

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