EU Elections 2024 की वोटिंग में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों की पार्टी हारी
यूरोपीयन यूनियन (European Union) के एक्जि़ट पोल में धुर दक्षिणपंथी नेशनल रैली (RN) पार्टी ने 31.5 प्रतिशत वोट हासिल किए, जो मैक्रों (Emmanuel Macron) की रेनेसां पार्टी से दोगुने से भी ज्यादा हैं, जो बमुश्किल 15.2 प्रतिशत वोट के साथ दूसरा स्थान हासिल करने में सफल रही। समाजवादी 14.3 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर हैं RN के नेता, जॉर्डन बार्डेला ने एग्जिट पोल जारी होने के बाद एक पार्टी के साथ जश्न मनाया और अपने भाषण में उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉन से फ्रांसीसी संसद को भंग करने को कहा।
दो चरणों में होगा फ्रांस का चुनाव
मैक्रों के मुताबिक फ्रांस के चुनाव (France Elections) 2 चरणों में होंगे। पहला चरण 30 जून को होगा और दूसरा 7 जुलाई को। मैक्रॉन ने रविवार को एक घोषणा में कहा, “मैंने मतदान के जरिए आपको आपके संसदीय भविष्य का विकल्प वापस देने का फैसला किया है। इसलिए मैं नेशनल असेंबली को भंग कर रहा हूं। ये फैसला गंभीर है लेकिन सबसे बढ़कर ये विश्वास का काम है। बता दें कि संसदीय चुनावों का उपयोग फ्रांसीसी प्रणाली में निचले सदन नेशनल असेंबली के 577 सदस्यों को चुनने के लिए किया जाता है। देश के राष्ट्रपति को अलग-अलग चुनावों के जरिए चुना जाता है, जिनके 2027 तक दोबारा होने की उम्मीद नहीं है।
बेल्जियम में प्रधानमंत्री ने दिया इस्तीफा
बेल्जियम (Belgium) के प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर डी क्रू ने राष्ट्रीय और यूरोपीय संसदीय चुनावों में अपनी पार्टी की करारी हार के बाद इस्तीफा दे दिया है। ब्रुसेल्स में घोषणा करते समय 48 वर्षीय अलेक्जेंडर (Alexander De Croo) ने बड़े भावुक होकर कहा कि “मैं इस अभियान का प्रमुख व्यक्ति था। ये वो नतीजा नहीं है जिसकी मैंने उम्मीद की थी और इसलिए मैं इस नतीजे की जिम्मेदारी लेता हूं। डी क्रू की ओपन VLD पार्टी ने यूरोपीय संसद में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया और उसे केवल 5.8 प्रतिशत वोट मिले। एक्ज़िट पोल में पता चला है कि धुर दक्षिणपंथी व्लाम्स बेलांग पार्टी और फ्लेमिश राष्ट्रवादी एन-वीए पार्टी क्रमशः 14.8 प्रतिशत और 14.2 प्रतिशत वोट के लिए बराबरी पर हैं।
भारत के चुनावों से एक कदम पीछे है EU का इलेक्शन
यूरोपीय संघ के चुनाव दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो पैमाने के मामले में केवल भारत के चुनावों से पीछे है। पूरे यूरोपीय संघ में लगभग 400 मिलियन मतदाताओं के साथ, मतदाता आर्कटिक सर्कल से लेकर अफ्रीका और एशिया की सीमाओं तक फैले यूरोपीय संसद के 720 सदस्यों का चयन करेंगे। इन चुनावों के नतीजे जलवायु परिवर्तन और रक्षा से लेकर प्रवासन और चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे प्रमुख खिलाड़ियों के साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों जैसे वैश्विक मुद्दों पर नीतियों को आकार देंगे।
सिर्फ इटली में अब डाले जाएंगे वोट
बता दें कि यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों में मतदान अब बंद हो गया है। आखिरी वोट इटली में डाले गए। 2019 में पिछले यूरोपीय चुनावों के बाद से वैश्विक राजनीति में काफी बदलाव आया है। रूस के यूक्रेन पर आक्रमण ने यूरोपीय संघ के संघर्ष को हाशिये पर रख दिया है जो क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में संघ की भूमिका के महत्व को बताते हैं।