ऐसे नियम बने, जो पुरुषों और महिलाओं के बीच अंतर ध्यान में रखें
शोधकर्ताओं ने बताया कि भले ही महिलाओं और पुरुषों में सीपीआर देने की तकनीक एक समान ही है, लेकिन बनावट के आधार पर इसके फायदे का फर्क अलग हो सकता है। शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सरकारों को नियम बनाने चाहिए जो पुरुषों और महिलाओं के बीच अंतर को ध्यान में रखें।सीपीआर ( Cardiopulmonary resuscitation)
सीपीआर प्रशिक्षण एक जीवनरक्षक प्रक्रिया है, जिसे दिल के दौरे या सांस रुकने जैसी स्थितियों में व्यक्ति को राहत देने के लिए किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य व्यक्ति के दिल और मस्तिष्क तक ऑक्सीजन पहुंचाना है ताकि शरीर के अंगों को गंभीर नुकसान से बचाया जा सके। सीपीआर का प्रशिक्षण मुख्यत: तीन चरणों में
- संपर्क और स्थिति का आकलन:
- सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि व्यक्ति सुरक्षित स्थिति में है।
- इसके बाद व्यक्ति की स्थिति का आकलन करें, जैसे कि वह बेहोश है या नहीं, और उसके सांस लेने की स्थिति की जांच करें।
- अगर व्यक्ति सांस नहीं ले रहा है और बेहोश है, तो तुरंत 112 पर कॉल करें या आपातकालीन सेवाओं को सूचित करें।
- हृदय संकुचन (Chest Compressions):
- व्यक्ति को समतल सतह पर लिटाएं।
- दोनों हाथों को एक-दूसरे पर रखकर, कंधे के ऊपर से दबाव डालते हुए सीने के बीच में 2 इंच गहरे दबाव डालें।
- दबाव की गति 100 से 120 दबाव प्रति मिनट होनी चाहिए।
- इस प्रक्रिया को निरंतर करते रहें, जब तक कि आपातकालीन सेवाएं न पहुंच जाएं।
- मुँह से मुँह (Mouth-to-Mouth) श्वास देना:
- यदि आप प्रशिक्षित हैं, तो मुँह से मुँह श्वास देने की प्रक्रिया शुरू करें। यह व्यक्ति को ऑक्सीजन प्रदान करता है।
- श्वास देने के लिए, व्यक्ति के मुंह को बंद करें और अपनी नाक बंद करें, फिर व्यक्ति के मुंह में दो श्वास दें।
- यदि आप मुँह से मुँह श्वास देने में सहज नहीं हैं, तो केवल छाती पर दबाव (chest compressions) भी जीवनरक्षक हो सकता है।
- सीपीआर को जल्दी से शुरू करना व्यक्ति की जीवन रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- प्रशिक्षण के दौरान यह सिखाया जाता है कि प्रत्येक कदम को सही तरीके से और तेज़ी से किया जाए ताकि व्यक्ति की स्थिति में सुधार हो सके।