लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन की कैंब्रिज और लिवरपूल जॉन मोर्स यूनिवर्सिटी के पुरातत्त्वविदों ने पहले खोपड़ी और कंकाल के निचले हिस्से को गोंद जैसे कॉन्सॉलिडेंट से मजबूत किया। फॉइल में लपेट कर दर्जनों छोटे-छोटे हिस्से निकाले गए। लीड कंजर्वेटर लूसिया लोपेज पॉलिन ने खोपड़ी के 200 से ज्यादा छोटे हिस्सों को जोडक़र चेहरे की पुनर्संरचना तैयार की। यह काम ‘सीक्रेट्स ऑफ निएंडरथल्स’ नाम की डॉक्यूमेंट्री के लिए किया गया।
ठुड्डी लगभग गायब और ललाट काफी बड़ा
खोपड़ी का 3 डी प्रिंट तैयार करने के बाद कृत्रिम मांसपेशियों और त्वचा के जरिए चेहरे को अंतिम रूप दिया गया। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर एमा पोमेरॉय का कहना है कि खोपड़ी आज के इंसानों की खोपड़ी से काफी अलग है। इसकी ठुड्डी लगभग गायब है, जबकि ललाट काफी बड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि जो चेहरा तैयार हुआ है, उससे पता चलता है कि जीवन में बहुुत बड़ा फर्क नहीं था।
इस सदी की सबसे सुरक्षित खोपड़ी
जॉन मोर्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्रिस हंट के मुताबिक इराक के कुर्दिस्तान में ‘शानिदार जेड’ खोपड़ी की खोज 2018 में कैंब्रिज की प्रोफेसर एमा पोमेरॉय ने की थी। इससे पहले 1960 में अमरीकी पुरातत्त्वविद राल्फ सोलेकी ने इसके कंकाल का निचला हिस्सा खोजा था। शनिदार जेड इस सदी में खोजी गई निएंडरथल की सबसे सुरक्षित खोपड़ी है। चट्टान गिरने से यह थोड़ी चपटी हो गई थी।