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नेपाल: नवनियुक्त प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ आज लेंगे PM पद की शपथ

पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड नेपाल के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने रविवार शाम प्रचंड की नियुक्ति की घोषणा की। उल्लेखनीय है कि प्रचंड को 6 पार्टियों ने समर्थन दिया है।

Dec 26, 2022 / 08:58 am

Abhishek Kumar Tripathi

Pushpa Kamal Dahal ‘Prachanda’ appointed as new Prime Minister of Nepal

नेपाल की राजनीति में रविवार का दिन बेहद ही उथल-पुथल वाला रहा। दोपहर तक शेर बहादुर देउबा के प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ दिखाई दे रहा था, लेकिन CPN-Maoist सेंटर के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल बैठक से नाराज होकर निकल गए और गठबंधन से अलग होने का ऐलान कर दिया। इसके बाद शाम होते-होते उन्होंने राष्ट्रपति के पास उन्होंने अगले प्रधानमंत्री के रूप में अपनी उम्मीदवारी के संबंध में एक आवेदन प्रस्तुत किया, जिसके बाद उन्हें राष्ट्रपति ने नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त करने की घोषणा कर दी।
68 साल के नवनियुक्त प्रधानमंत्री प्रचंड का शपथ ग्रहण समारोह आज, सोमवार शाम 4 बजे होगा। इसके साथ ही प्रचंड तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बन गए हैं। पहली बार वे 2008 से 2009 और दूसरी बार 2016 से 2017 में प्रधानमंत्री बने थे। प्रचंड समझौते के तहत शुरुआती ढाई साल तक प्रधानमंत्री बने रहेंगे। इसके बाद CPN-UML सत्ता संभालेगी।
 
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6 पार्टियो के समर्थन से नेपाल के PM बने प्रचंड
पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड को 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 165 सांसदों का समर्थन प्राप्त है। प्रचंड के समर्थन में 6 पार्टियां शामिल हैं, जिसमें सीपीएन-यूएमएल के 78, सीपीएन-एमसी के 32, आरएसपी के 20, आरपीपी के 14, जेएसपी के 12, जनमत के 6 और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के 3 समर्थन शामिल है।
 
रोटेशन के आधार पर प्रधानमंत्री बनने के लिए प्रचंड और ओली के बीच हुआ समझौता
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री ओली के आवास पर एक अहम बैठक हुई जहां सीपीएन-माओवादी केंद्र और अन्य छोटे दलों ने ‘प्रचंड’ के नेतृत्व में सरकार बनाने पर सहमति जताई। रोटेशन के आधार पर सरकार का नेतृत्व करने के लिए प्रचंड और ओली के बीच समझौता हुआ है। वहीं नेपाल की सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस राष्ट्रपति की समय सीमा के अंदर संविधान के अनुच्छेद 76 (2) के अनुसार अपने नेतृत्व में सरकार बनाने में विफल रही, जिसके बाद सीपीएन-यूएमएल ने 165 सांसदों के समर्थन से प्रचंड के नेतृत्व में नई सरकार बनाने की पहल की।
 
138 सांसदों का समर्थन नहीं जुटा पाई नेपाली कांग्रेस
प्रतिनिधि सभा में 89 सीटों के साथ नेपाली कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है जबकि सीपीएन के पास 78 और यूएमएल के पास 32 सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए नेपाली कांग्रेस 138 सांसदों का समर्थन नहीं जुटा पाई। वहीं सीपीएन और यूएमएल ने अन्य पार्टियों के समर्थन के साथ सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया।

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