68 साल के नवनियुक्त प्रधानमंत्री प्रचंड का शपथ ग्रहण समारोह आज, सोमवार शाम 4 बजे होगा। इसके साथ ही प्रचंड तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बन गए हैं। पहली बार वे 2008 से 2009 और दूसरी बार 2016 से 2017 में प्रधानमंत्री बने थे। प्रचंड समझौते के तहत शुरुआती ढाई साल तक प्रधानमंत्री बने रहेंगे। इसके बाद CPN-UML सत्ता संभालेगी।
पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड को 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 165 सांसदों का समर्थन प्राप्त है। प्रचंड के समर्थन में 6 पार्टियां शामिल हैं, जिसमें सीपीएन-यूएमएल के 78, सीपीएन-एमसी के 32, आरएसपी के 20, आरपीपी के 14, जेएसपी के 12, जनमत के 6 और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के 3 समर्थन शामिल है।
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री ओली के आवास पर एक अहम बैठक हुई जहां सीपीएन-माओवादी केंद्र और अन्य छोटे दलों ने ‘प्रचंड’ के नेतृत्व में सरकार बनाने पर सहमति जताई। रोटेशन के आधार पर सरकार का नेतृत्व करने के लिए प्रचंड और ओली के बीच समझौता हुआ है। वहीं नेपाल की सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस राष्ट्रपति की समय सीमा के अंदर संविधान के अनुच्छेद 76 (2) के अनुसार अपने नेतृत्व में सरकार बनाने में विफल रही, जिसके बाद सीपीएन-यूएमएल ने 165 सांसदों के समर्थन से प्रचंड के नेतृत्व में नई सरकार बनाने की पहल की।
प्रतिनिधि सभा में 89 सीटों के साथ नेपाली कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है जबकि सीपीएन के पास 78 और यूएमएल के पास 32 सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए नेपाली कांग्रेस 138 सांसदों का समर्थन नहीं जुटा पाई। वहीं सीपीएन और यूएमएल ने अन्य पार्टियों के समर्थन के साथ सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया।
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