‘भारतीयों जैसी भक्ति और समर्पण’
उन्होंने मन की बात में कहा कि “कुछ हफ़्ते पहले, मैं लाओस भी गया था। यह नवरात्रि का समय था और वहाँ मैंने कुछ अद्भुत देखा। स्थानीय कलाकार “फलक फलम” – ‘लाओस की रामायण’ प्रस्तुत कर रहे थे। उनकी आँखों में वही भक्ति थी, उनकी आवाज़ में वही समर्पण था, जो हमारे पास रामायण के लिए है,” पीएम मोदी ने कहा। बता दें कि पीएम मोदी 21वें आसियान-भारत और 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए लाओस के प्रधानमंत्री सोनेक्से सिफ़ांडोने के निमंत्रण पर 10 अक्टूबर को लाओस गए थे। उनके आगमन पर, लाओस के गृह मंत्री विलायवोंग बौडाखम ने उनका स्वागत किया। पीएम मोदी को औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।