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Nuclear Attack: इन जगहों पर नहीं होता परमाणु हमले का असर, जानें कहां हैं ये 

Nuclear Attack: वैसे तो परमाणु हमले का असर बहुत व्यापक और खतरनाक होता है लेकिन इस धरती पर कुछ जगह ऐसी हैं जहां पर परमाणु अटैक का कोई असर नहीं होता है।

नई दिल्लीNov 17, 2024 / 10:32 am

Jyoti Sharma

places where no effect of Nuclear Attack

Nuclear Attack: रूस-यूक्रेन, इजरायल-हमास, इजरायल -हिजबुल्लाह, इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष ने दुनिया को एक डर में डाल दिया है कि कहीं ये संघर्ष आधी दुनिया को खत्म ही ना कर दें। क्योंकि आए दिन ये देश, दुश्मन देशों पर परमाणु हमले की धमकी देते रहते हैं खासकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन। व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) कई बार पश्चिमी देशों को न्यूक्लियर अटैक की धमकी दे चुके हैं और तो और अब वे अंतरिक्ष (Space) में भी परमाणु हथियारों के लिए स्टेशन और बेस बनाने की तैयारी कर रहे हैं। वैसे तो परमाणु हमले का असर काफी खतरनाक और व्यापक होता है लेकिन धरती पर कुछ ऐसी जगहें हैं जहां पर परमाणु बम (Nuclear Bomb) या परमाणु हमले का कोई असर नहीं होता है ये जगहें कौन सी हैं और यहां पर न्यूक्लियर अटैक का कोई प्रभाव क्यों नहीं होता है, ये हम आपको बता रहे हैं। 

कौन सी हैं वो जगहें 

1- अमेरिका का NORAD Cheyenne Mountain Complex

ये अमेरिका के कोलोराडो में अमेरिकी सेना का एक कठोर परमाणु बंकर है। ये बंकर एक गहरी भूमिगत संरचना का एक बेजोड़ नमूना है। ये परिसर मिसाइलों, अंतरिक्ष प्रणालियों और विदेशी विमानों के लिए अमेरिका और कनाडा के हवाई क्षेत्र की निगरानी के लिए बनाया गया है। इस परिसर में फिल्टर युक्त ब्लास्ट वाल्व लगे हैं जो अंदर रहने वालों के लिए सांस लेने वाली हवा को शुद्ध करते हैं। यहां पर परमाणु हमले का कोई असर नहीं होता। क्योंकि पृथ्वी और चट्टानों की मोटी परतें विस्फोट की ऊर्जा और विकिरण को अवशोषित कर लेती है, ऐसे में शॉक वेव और थर्मल विकिरण का कोई असर नहीं होता।

2- प्रशांत महासागर का मारियाना ट्रेंच

गहरे समंदर में परमाणु विस्फोट से पैदा हुई दबाव कम महसूस होता है। मारियाना ट्रेंच इस धरती पर मौजूद सबसे गहरा महासागरीय स्थल है। इसकी गहराई लगभग 11 हजार मीटर है। यहां पर परमाणु हमले का असर काफी कम रहता है। 

3- अंटार्कटिका, सहारा रेगिस्तान, अमेजन जंगल

धरती पर निर्जन क्षेत्रों में शामिल अंटार्कटिका, सहारा रेगिस्तान, अमेजन जंगल पर भी परमाणु हमले का असर नहीं होता। क्योंकि इन जगहों पर कोई नहीं रहता और ऐसे में यहां पर विस्फोट करना महत्वहीन है। दूसरा मानव जीवन और संरचनाओं के अभाव के चलते यहां ना के बराबर नुकसान होता है। तीसरा एक बड़ा कारण अंटार्कटिका को लेकर है कि 1961 में यहां पर मिलिट्री एक्टिविटी पर रोक लगा दी गई थी। 

4- स्विट्जरलैंड के परमाणु बंकर

युद्ध त्रासदी से बचने के लिए स्विट्जरलैंड में खास तौर पर परमाणु बंकर डिजाइन किए गए हैं। यहां पर परमाणु हमले का कोई असर नहीं होता है। इसकी संरचनाएँ विकिरण अवरोधक सामग्री से की गई है। इसमें उन्नत फ़िल्टरिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इनमें थर्मल विकिरण और शॉक वेव से बचने के लिए मोटी कंक्रीट और धातु की दीवारें बनाई गई हैं। 

5- आइसलैंड

आइसलैंड पर परमाणु हमले का प्रभाव विस्फोट की प्रकृति पर निर्भर करता है। हालांकि आइसलैंड की भौगोलिक संरचना परमाणु बम का असर काफी सीमित करती हैं। क्योंकि आइसलैंड ज्वालामुखीय गतिविधि वाला एक द्वीपीय देश है, ये मध्य अटलांटिक रिज पर बसा हुआ है। ज्वालामुखीय पत्थर और लावा की परत थर्मल विकिरण और शॉक वेव के प्रभाव को काफी हद तक अवशोषित कर सकता है। इसलिए यहां पर परमाणु हमले का असर काफी कम होता है।
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