‘गाज़ा में नागरिकों को बचा ले भारत’ (Israel-Hamas War)
फिलिस्तीन (Palestine) के प्रधानमंत्री मोहम्मद मुस्तफा ने पत्र में कहा है कि भारत गाज़ा (Gaza) में तत्काल युद्धविराम के लिए सभी राजनयिक चैनलों का उपयोग करे और इस पीड़ा को कम करने के लिए गाजा को मानवीय सहायता बढ़ाने, फिलिस्तीनी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ सहयोग करे। बता दें कि फिलिस्तीन की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी को ये पत्र 12 जून को लिखा गया था। जिसमें ये भी लिखा गया है कि फिलिस्तीन फिलिस्तीनी मुद्दे और फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों के प्रति भारत के दृढ़ समर्थन और एकजुटता की सराहना करता है।
7 अक्टूबर के हमले में भारत ने इजरायल से व्यक्त की थी एकजुटता
बता दें कि बीते साल 7 अक्टूबर को, फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास ने दक्षिणी इज़राइल पर अचानक हमला (Hamas attacked on Israel) कर दिया था, जिसमें लगभग 1200 इजरायलियों की मौत हो गई थी और 250 से ज्यादा लोगों को हमास बंधक बनाकर अपने साथ गाज़ा ले गया था। हमास (Hamas) के इस हमले का फौरन बाद इजरायल ने गाज़ा में युद्ध छेड़ दिया जो 8 महीने बाद भी जारी है। इस युद्ध (Israel-Hamas War) में अभी तक महिलाओं और बच्चों समेत 37,000 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ये भी पढ़ें- गाज़ा में असली युद्ध महिलाओं से! झकझोर कर रख देगी औरतों के हालात बताती UN की ये रिपोर्ट
भारत ने UN में शांति प्रस्ताव पर किया था वोट
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर को जब हमास ने इजरायल पर हमला किया था तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इज़राइल के साथ संवेदनाएं व्यक्त की थी और इजरायल से एकजुटता दिखाई थी। हालांकि एक हफ्ते बाद, भारत ने अपने रुख में नरमी लाते हुए फिलिस्तीनी मुद्दे के लिए अपने दीर्घकालिक समर्थन की पुष्टि की और दो-राज्य समाधान की वकालत की। इजरायल-हमास युद्ध को खत्म करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा में वोटिंग भी हुई थी जिसमें भारत ने इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया था। इसमे फिलिस्तीन को दुनिया भर के देशों से अतिरिक्त शक्तियां देने की मांग की गई थी। गौर करने वाली बात ये भी है कि भारत ने अपना रुख तटस्थ रखा है, भारत ने अपने सिद्धांत की आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा करनी चाहिए पर कायम रहते हुए तटस्थ रह कर काम किया। बहरहाल भारत ने अब गाज़ा में नागरिकों की सुरक्षा, शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत और मानवीय सहायता तक पहुंच का आह्वान किया है।