एक्स (X) पर पोस्ट कर इसका महत्व उजागर किया
यह आयोजन भारत और पाकिस्तान के बीच गहरे आध्यात्मिक संबंध दर्शाता है, जो सदियों पुरानी धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं में निहित हैं। यह यात्रा 1974 के
भारत-पाकिस्तान प्रोटोकॉल के तहत की गई है, जो धार्मिक स्थलों पर यात्राओं की अनुमति देता है, जिससे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलता है। पाकिस्तान उच्चायोग ने इस यात्रा को एक्स (X) पर पोस्ट कर इसका महत्व उजागर किया।
पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के आगमन पर, सज्जादानशीन हज़रत शाह अली मंज़र अयाज़ कुद्दूसी साबरी ने उनका स्वागत किया। आसिफ खान ने आभार व्यक्त किया।
सूफी हज़रत ख्वाजा अलाउद्दीन अली अहमद साबिर
गौरतलब है कि पीरान कलियर शरीफ दरगाह (Peeran Kaliyar Sharif Dargah) बहुत मशहूर है। यह तेरहवीं सदी के सूफी हज़रत ख्वाजा अलाउद्दीन अली अहमद साबिर की अंतिम विश्रामस्थली है। यह दरगाह अपनी आध्यात्मिक महत्वता और रहस्यमय शक्तियों के लिए प्रसिद्ध है और हर साल लाखों भक्तों को आकर्षित करती है, जो विभिन्न धर्मों से आते हैं और राष्ट्रीय एकता और समरसता को बढ़ावा देते हैं। पीरान कलियर शरीफ विश्व प्रसिद्ध हजरत अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक ( Sabir Pak) की दरगाह है और कलियर में हर जाति और धर्म के लोग अपनी-अपनी मन्नतें लेकर आते हैं। कहा जाता है कि श्रद्धा भक्ति भाव से आने वाले सभी ज़ायरीन की मनोकामनाएं यहां पूरी होती हैं।