पाकिस्तान ( International News In Hindi)के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को चीनी राजदूत जियांग ज़ैदोंग के साथ यात्रा के दौरान जांच के शीघ्र निष्कर्ष निकालने का वादा किया था। पाकिस्तान सरकार के एक बयान के अनुसार, ज़ैदोंग ने पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बुधवार को दासू बांध का दौरा किया।
हमला अविश्वास पैदा कर रहा बयान में यह भी कहा गया कि शरीफ ने एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें देश के शक्तिशाली सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने भाग लिया। बैठक में, प्रधानमंत्री ने कहा कि मंगलवार का हमला पाकिस्तान और चीन के बीच “अविश्वास पैदा कर रहा है” और “बर्बर अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने” की कसम खाई।
इकोनॉतिक कॉरिडोर में काम करते हैं, जिसमें सड़क निर्माण, बिजली संयंत्र और कृषि जैसी कई बड़ी परियोजनाएं शामिल हैं।
मृतकों के साथ पुलिस एस्कॉर्ट थी प्रकरण के अनुसार पांचों इंजीनियर और मजदूर मंगलवार को दासू बांध की ओर जा रहे थे, जो पाकिस्तान की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना है, जहां वे काम करते थे। स्थानीय पुलिस अधिकारी अल्ताफ खान ने कहा कि उनके अवशेषों को राजधानी इस्लामाबाद ले जाया गया, जब हमला हुआ तो मृतकों के साथ पुलिस एस्कॉर्ट थी।
हमले के स्थल पर जाएंगे विशेषज्ञ
पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने नवीनतम जांच घटनाक्रम को अपने चीनी समकक्षों के साथ साझा किया है। उम्मीद है कि चीन पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ सहयोग करते हुए स्वतंत्र जांच करने के लिए बुधवार को अपने विशेषज्ञों को हमले के स्थल पर भेजेगा।
तलाश करने की मुहिम को और बढ़ाया
खान ने यह भी कहा कि उन्होंने हमलावर के संभावित साथियों की तलाश करने के लिए एक दिन पहले शुरू की गई मुहिम को और बढ़ा दिया है। ध्यान रहे हमले की अभी तक किसी भी समूह ने जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन संदेह है क अलगाववादियों के साथ-साथ पाकिस्तानी तालिबान से अलग हुए गुल बहादुर गुट भी संदेह के घेरे में है।
टीटीपी ने एक बयान में आत्मघाती बम विस्फोट के पीछे अपना हाथ होने से इनकार करते हुए कहा, “चीनी इंजीनियरों पर हमले से हमारा कोई लेना-देना नहीं है।”
जानकारी के मुताबिक मंगलवार का हमला एक हफ्ते से भी कम समय के बाद हुआ, जब पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के आठ अलगाववादियों को मार डाला, जिन्होंने अस्थिर दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में चीनी वित्त पोषित ग्वादर बंदरगाह के बाहर चीनी नागरिकों को ले जा रहे एक काफिले पर गोलीबारी की थी।
चीनी विदेश मंत्रालय ने की हमले की निंदा उधरी चीनी विदेश मंत्रालय ने हमले की निंदा की है और बुधवार को एक बयान में “मृतकों के प्रति गहरी संवेदना” व्यक्त की है। मंत्रालय ने कहा कि चीन ने “पाकिस्तान से जल्द से जल्द घटना की पूरी जांच करने, अपराधियों की तलाश करने और उन्हें न्याय के कठघरे में लाने के लिए कहा है” और कहा कि “चीन-पाकिस्तान सहयोग को कमजोर करने का कोई भी प्रयास कभी सफल नहीं होगा।”
चीनी मजदूरों पर पहले भी हमले हुए सेना प्रमुख ने शरीफ के वादे का समर्थन किया और कहा कि वे देश में सभी विदेशियों, “विशेष रूप से चीनी नागरिकों, जो पाकिस्तान की समृद्धि में योगदान दे रहे हैं” की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। पाकिस्तान में सीपीईसी से जुड़ी परियोजनाओं पर काम कर रहे चीनी मजदूरों पर हाल के वर्षों में हमले हुए हैं।
इससे पहले जुलाई 2021 में, नौ चीनी नागरिकों सहित कम से कम 13 लोग मारे गए, जब एक आत्मघाती हमलावर ने कई चीनी और पाकिस्तानी इंजीनियरों और मजदूरों को ले जा रही बस के पास अपने वाहन में विस्फोट कर दिया, जिससे चीनी कंपनियों को उस समय काम बंद करना पड़ा। उस समय पाकिस्तानी अधिकारियों ने शुरू में जोर देकर कहा था कि यह एक सड़क दुर्घटना थी, लेकिन चीन ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि पीड़ित आत्मघाती हमले का निशाना थे।