आर्थिक तंगी से मैंगल का नहीं हो पाया इलाज
अब्दुल मजीद मैंगल के बेटे शाह वली ने बताया कि 54 बच्चों की जरूरते पूरी करना आसान काम नहीं था, मगर मेरे पिता पूरी जिंदगी इसी काम में लगे रहे। उसने बताया कि कभी भी अपने पिता को आराम करते नहीं देखा। शाह वली ने कहा कि हममें से कोई बीए पढ़ा है तो कोई कोई मैट्रिक, लेकिन हमारे पास रोजगार नहीं है। उसने बताया कि आर्थिक तंगी की वजह से ही अपने पिता का इलाज नहीं करा सके। मैंगल के सबसे पड़े बेटे वली 37 साल के हैं, वह भी अपने पिता की तरह ही ट्रक चलाते हैं।
अब्दुल मजीद मैंगल के बेटे शाह वली ने बताया कि 54 बच्चों की जरूरते पूरी करना आसान काम नहीं था, मगर मेरे पिता पूरी जिंदगी इसी काम में लगे रहे। उसने बताया कि कभी भी अपने पिता को आराम करते नहीं देखा। शाह वली ने कहा कि हममें से कोई बीए पढ़ा है तो कोई कोई मैट्रिक, लेकिन हमारे पास रोजगार नहीं है। उसने बताया कि आर्थिक तंगी की वजह से ही अपने पिता का इलाज नहीं करा सके। मैंगल के सबसे पड़े बेटे वली 37 साल के हैं, वह भी अपने पिता की तरह ही ट्रक चलाते हैं।
2017 की जनगणना के दौरान चर्चा में आया था मैंगल का परिवार
2017 की जनगणना के दौरान पहली बार अब्दुल और उसके परिवार के बारे में खबर सामने आई थी। जनगणना कि रिपोर्ट में बताया गया है कि मेंगल के पोता-पोतियों को जोड़ लिया जाए तो यह 150 लोगों का परिवार है। जब अधिकारियों ने पूरी जांच की तो उनके होश उड़ गए थे। माजिद अपने बच्चों और पत्नियों के साथ सात कमरों के घर में रहते थे। वे बारी-बारी से बच्चों से मिलते थे और पारिवारिक कार्यक्रमों में भाग लेते थे।
2017 की जनगणना के दौरान पहली बार अब्दुल और उसके परिवार के बारे में खबर सामने आई थी। जनगणना कि रिपोर्ट में बताया गया है कि मेंगल के पोता-पोतियों को जोड़ लिया जाए तो यह 150 लोगों का परिवार है। जब अधिकारियों ने पूरी जांच की तो उनके होश उड़ गए थे। माजिद अपने बच्चों और पत्नियों के साथ सात कमरों के घर में रहते थे। वे बारी-बारी से बच्चों से मिलते थे और पारिवारिक कार्यक्रमों में भाग लेते थे।
पैसों की तंगा का करना पड़ा सामना
अब्दुल मजीद ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें 54 बच्चों के होने का कभी मलाल नहीं था। उनके पास कमाने और अपने परिवार को खिलाने की ताकत नहीं है। उन्हें हमेशा पैसों की तंगी का सामना करना पड़ा, इसलिए कई बच्चों को दूध नहीं मिल सका जिस वजह से उनकी मौत हो गई। हालांकि उनका बड़ा बेटा अब परिवार के सर्वाइवल में मदद कर रहा है।
अब्दुल मजीद ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें 54 बच्चों के होने का कभी मलाल नहीं था। उनके पास कमाने और अपने परिवार को खिलाने की ताकत नहीं है। उन्हें हमेशा पैसों की तंगी का सामना करना पड़ा, इसलिए कई बच्चों को दूध नहीं मिल सका जिस वजह से उनकी मौत हो गई। हालांकि उनका बड़ा बेटा अब परिवार के सर्वाइवल में मदद कर रहा है।
2 पत्नियों और 12 बच्चों का हो चुका है निधन
बता दें, 6 पत्नियों में से अब्दुल की 2 पत्नियों का पहले ही निधन हो चुका है। वहीं, 54 बच्चों में से उनके 12 बच्चे भी उनके जिंदा रहते ही चल बसे थे। अब उनके केवल 42 बच्चे जीवित हैं, जिनमें 22 बेटे और 20 बेटियां हैं। उनके ज्यादातर बच्चों की उम्र 15 साल से कम है। उनकी सबसे छोटी बेटी 7 साल की है।
बता दें, 6 पत्नियों में से अब्दुल की 2 पत्नियों का पहले ही निधन हो चुका है। वहीं, 54 बच्चों में से उनके 12 बच्चे भी उनके जिंदा रहते ही चल बसे थे। अब उनके केवल 42 बच्चे जीवित हैं, जिनमें 22 बेटे और 20 बेटियां हैं। उनके ज्यादातर बच्चों की उम्र 15 साल से कम है। उनकी सबसे छोटी बेटी 7 साल की है।
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