पाकिस्तान बुक फेयर में बिकीं केवल 35 किताबें
पाकिस्तान में हाल ही में लगे पुस्तक मेले में साहित्य पर ध्यान लगाने के बजाय खाने-पीने की दुकानों पर ज्यादा ध्यान लगाया गया। बुक फेयर का आयोजन साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए किया गया था, लेकिन इसका खास मकसद और मुख्य कारण लोगों के फूड लव के आगे दम तोड़ता हुआ नज़र आया। पाकिस्तान की रिपोर्टों के अनुसार, लाहौर पुस्तक मेले में केवल 35 किताबें ही बिकीं, जबकि वहां मौजूद लोगों ने इस मेले में 1,200 से ज्यादा शावरमा और 800 से ज्यादा प्लेट बिरयानी खरीदी। पाकिस्तानियों का कहना है कि यह शायद साहित्य के शौकीनों की बदनसीबी ही है कि पुस्तक मेला लाहौर में रखा गया था, जिसे आम तौर पर पाकिस्तान का सांस्कृतिक और साहित्यिक केंद्र माना जाता है। पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा शहर, ऐतिहासिक रूप से बौद्धिक और साहित्यिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। लाहौर
इंडियन सब कॉन्टिनेंट में हुए बड़े शायरों का जन्म स्थान भी है, जिनमें सआदत हसन मंटो और फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ शामिल हैं।
क्या होता है शावरमा ?
शावरमा एक खास दुर्लभ नॉनवेज मध्य पूर्व का एक मशहूर स्ट्रीट फ़ूड है। यह मेमने, बीफ़, चिकन या मिक्स मांस के पतले टुकड़ों से बनाया जाता है। इन मांस के टुकड़ों को मसालों में भिगोकर, एक ऊर्ध्वाधर रोटिसरी पर शंकु के आकार में रखा जाता है और धीरे-धीरे पकाया जाता है, पके हुए मांस को काटा जाता है और पिटा या फ़्लैटब्रेड में लपेट कर परोसा जाता है। शावरमा ताज़ा सब्ज़ियों और सॉस के साथ परोसा जाता है।