Indian Prime Minister Narendra Modi and Pakistani Former PM Nawaz Sharif
पाकिस्तान (Pakistan) में आज, मंगलवार, 15 अक्टूबर से दो दिवसीय एससीओ सम्मेलन (SCO Summit) का आयोजन हो रहा है। शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइज़ेशन (Shanghai Cooperation Organisation – SCO) के सभी सदस्य देशों की सरकार के लीडर पाकिस्तानी राजधानी इस्लामाबाद (Islamabad) में हो रहे इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस दो दिवसीय कार्यक्रम के लिए इस्लामाबाद में सख्त लॉकडाउन लगा हुआ है, जिससे सुरक्षा में चूक न हो सके। भारत (India) की तरफ से इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की जगह देश के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) शामिल होंगे। पीएम मोदी के पाकिस्तान न जाने पर पूर्व पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) ने एक बड़ा बयान दिया हैं।
“अगर पीएम मोदी आते तो अच्छा होता”भारत-पाकिस्तान के बीच संबंध कुछ खास नहीं हैं। दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध तो पूरी तरह से खत्म हो चुके हैं। भारत हमेशा ही शांति की शर्त पर पाकिस्तान से संबंधों को रखने पर राज़ी रहा है, लेकिन पाकिस्तानी आतंकियों के अपनी हरकतों से बाज न आने की वजह से दोनों देशों के संबंधों में खटास आ चुकी है। इसी वजह से पीएम मोदी पाकिस्तान नहीं जा रहे। इस विषय पर जब पाकिस्तान के पूर्व पीएम शरीफ से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि भारत और पाकिस्तान के बीच अच्छे संबंध हो। अगर पीएम मोदी इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पाकिस्तान आते तो अच्छा होता। मैं उम्मीद करता हूं कि आने वाले समय में दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार होगा और पीएम मोदी के साथ बैठकर बातचीत करने का अवसर मिलेगा।”
नवाज ने मानी पाकिस्तान की गलतीनवाज ने कारगिल युद्ध पर बात करते हुए कहा कि युद्ध पाकिस्तान की वजह से हुआ था और इसमें पूरी तरह से पाकिस्तान की ही गलती थी। नवाज ने कहा कि पाकिस्तान ने ही लाहौर समझौते का उल्लंघन करते हुए भारत से किया वादा तोड़ा था।
पीएम मोदी के पाकिस्तान न जाने से सम्मेलन के प्रति लोगों का उत्साह हुआ कमजब से इस बात का ऐलान हुआ था कि पाकिस्तान एससीओ के सरकार के प्रमुखों के सम्मेलन की मेजबानी करेगा, तभी से यह भी साफ हो गया था कि पीएम मोदी इसमें शामिल नहीं होंगे। बाद में भारत की तरफ से इस बारे में पुष्टि कर दी गई कि पीएम मोदी पाकिस्तान नहीं जाएंगे और उनकी जगह जयशंकर इस सम्मेलन में शामिल होंगे। उसके बाद से लोगों का इस सम्मेलन के लिए उत्साह कम हो गया था। इंटरनेशनल मीडिया की तरफ से भी पाकिस्तान में हो रहे इस दो दिवसीय कार्यक्रम को कुछ खास कवरेज नहीं मिल रहा है।