वनमानुष ने औषधीय पौधे को ढूंढ कर रस निकाला
दरअसल इंडोनेशिया में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां के सुआक बालिंबिंग अनुसंधान स्थल पर एक रिसर्चर ने देखा कि एक नर सुमात्राई वनमानुष ने बार-बार एक पौधे को चबाया और इसका रस गाल पर हुए घाव पर लगाया। मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल बिहेवियर (एमपीआइ-एबी) जर्मनी की इसाबेल लॉमर ने कहा कि राकस नाम के वनमानुष के चेहरे पर दूसरे वनमानुष से लड़ाई के दौरान घाव हो गया था।
पहले रस पिया और फिर घाव पर लगाया
चोट लगने के तीन दिन वाद राकस ने लियाना की पत्तियों को चबाया और फिर इसके रस को चेहरे के घाव पर कई मिनट तक बार-बार लगाया। इसके बाद उसने बचाए गए पत्तों से घाव को पूरी तरह ढक दिया। टीम में शामिल यूनिवर्सिटास नेशनल, इंडोनेशिया के शोधकर्ताओं ने बताया कि लियाना प्रजातियां के पौधों की पत्तियां दर्द निवारक, सूजन रोधी और घाव भरने में काम आती है। खास बात यह थी कि पत्तियों का रस लगाने के बाद वनमानुष के घाव पर संक्रमण के कोई लक्षण दिखाई नहीं दिए। यह घाव पांच में ठीक हो गया।