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आलू-प्याज के बिना नहीं हो सकता परमाणु बम परीक्षण! जानिए आखिर न्यूक्लियर टेस्ट में इनका क्या काम?

Nuclear Test: आज तक आपने प्याज को सिर्फ सब्जी में कटते देखा और कटते वक्त आंसू निकालते हुए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्याज परमाणु बम परीक्षण में कितना काम आता है।

नई दिल्लीOct 17, 2024 / 03:12 pm

Jyoti Sharma

Onion potato used in Nuclear Bomb Test

Nuclear Test: आज दुनिया के कई बड़े देश परमाणु शक्ति संपन्न हैं। भारत भी परमाणु हथियारों से लैस देशों में शामिल है। भारत की परमाणु शक्ति शुरू हुई पोकरण (Pokhran) से जहां पर उसने अपना पहला परमाणु बम परीक्षण किया था। इस परमाणु परीक्षण में उसने कई टन प्याज और आलू का इस्तेमाल किया था। तब से अब कई देश अपने परमाणु बम परीक्षण में प्याज का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इस प्याज-आलू (Potato Onion) का परमाणु बम परीक्षण से कैसे काम लिया जाता है। इस सवाल का जवाब हर कोई जानना चाह रहा है। इसका जवाब हम आपको दे रहे हैं। 

न्यूक्लियर टेस्ट में प्याज का क्या काम?

दरअसल जब भारत ने पोकरण में अपना परमाणु परीक्षण (Nuclear Test) किया था, तब टेस्ट से पहले भारत ने कई टन प्याज मंगाया था। ट्रकों में लद-लद कर प्याज जब मंडी से उठकर परीक्षण स्थल पर लाया जाता तो कई लोगों में ये जिज्ञासा पैदा हुई कि आखिर इतना प्याज कहां ले जाया जा रहा है, क्या कहीं शादी है, क्या कोई बड़ा उत्सव है, लेकिन तब किसी को कानों कान खबर नहीं हुई थी, प्याज का इस्तेमाल न्यूक्लियर परीक्षण के लिए किया जाना है।

क्यों और कैसे होता है इस्तेमाल 

1- परमाणु बम के परीक्षण के लिए विकिरण ज्यादा ना हो, इसके लिए प्याज का इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि धमाके से अल्फा, बीटा, गामा किरणें निकलती हैं। प्याज इन विकिरणों को अवशोषित करने की क्षमता रखता है। इसके लिए लाखों टन प्याज को परीक्षण स्थल पर दफनाया गया था। इससे रेडियोधर्मिता कम हो जाती है। क्योंकि अगर ये विकिरण इंसानों के संपर्क में आए तो तुरंत उनके ब्ल्ड टिश्यू तक नष्ट हो जाते हैं।
2- वैज्ञानिकों का कहना है कि प्याज का अर्क विकिरण के संपर्क में आते ही कोशिकाओं की उत्तरजीविता को बढ़ाता है। प्याज में फ्लेवोनोइड्स और फेनोलिक एसिड (Fenolic Acid) होते हैं, जिनमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-जेनोटॉक्सिक गुण होते हैं। 
3- प्याज की जड़ों का इस्तेमाल परमाणु बम टेस्ट से पैदा हुए विकिरण के प्रभाव को जांचने के लिए किया जाता है। भंडारण के दौरान गामा विकिरण का पता लगाने के लिए प्याज का इस्तेमाल किया जाता है। भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) ने एक ऐसी तकनीक बनाई है जो प्याज की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए विकिरण और कोल्ड स्टोरेज का उपयोग करती है।

आलू का क्या करते हैं

आलू को भी विकिरण के प्रभाव को कम करने के लिए यूज किया जाता है। आलू का प्रयोग यह देखने के लिए किया गया है कि परमाणु विस्फोटों से अर्ध-विनाशकारी खाद्य पदार्थ किस प्रकार प्रभावित होते हैं।  आलू को चीजों को अवशोषित करने की अपनी क्षमता के लिए जाना जाता है, जैसे मसलने पर ग्रेवी को और धातु से दबाने पर बिजली को। 
टेनेसी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने गामा विकिरण का पता लगाने के लिए आलू आधारित सेंसर विकसित किया है। इसे फाइटोसेंसर कहा जाता है। विकिरण के संपर्क में आने पर फ्लोरोसेंट हरे रंग में चमकता है। विकिरण के लेवल को जांचने के लिए इन सेंसर्स को परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के आसपास के खेतों में लगाया जाता है। इनका इस्तेमाल आपदा के दौरान सबसे गर्म क्षेत्रों का पता लगाने में किया जाता है।
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