scriptNRI Special : ऋषि सुनक के विजन से विकास की नई इबारत लिख रहा नया ब्रिटेन ,ब्रिटिश रॉयल सोसाइटी के फैलो- रॉयल चार्टर ने कही यह बात | NRI Special :The new UK is writing a new story of development | Patrika News
विदेश

NRI Special : ऋषि सुनक के विजन से विकास की नई इबारत लिख रहा नया ब्रिटेन ,ब्रिटिश रॉयल सोसाइटी के फैलो- रॉयल चार्टर ने कही यह बात

ब्रिटिश राजपरिवार ( British Royal society) की रॉयल सोसाइटी ( Royal society) के फैलो- रॉयल चार्टर ( Royal charter) मशहूर वैज्ञानिक देव अरस्तु पंचारिया ( Dev Arastu)का मानना है कि दुनिया के विशाल गणराज्य ब्रिटेन में शीर्ष भारतवंशी ऋषि सुनक (Rishi sunak)के प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके विजन से नया ब्रिटेन विकास की नई इबारत लिख रहा है।
 
 
 
 

Mar 11, 2024 / 05:43 pm

M I Zahir

rishi_sunak.jpg
यूके राजपरिवार की रॉयल सोसाइटी के फैलो- रॉयल चार्टर विख्यात वैज्ञानिक देव अरस्तु पंचारिया का कहना है कि सुनक के सत्ता संभालने से अश्वेतों और श्वेतों का भेद मिटता जा रहा है तो दक्षिण एशियाई, भारतवंशी प्रवासी और अप्रवासी भारतीयों (latest nri news in hindi ) में जोश, उमंग और आत्मविश्वास का संचार हुआ है।
यूके के 4.5% एशियाई लोगों में से करीब 2.14% भारतीय
उन्होंने कहा कि यूनाइटेड किंगडम की कुल जनसंख्या के लगभग 4.5% एशियाई लोग हैं जिसमें से करीब 2.14% भारतीय हैं। चाहे ब्रिटिश विश्वविद्यालयों में शिक्षा की बात हो या फिर व्यापार और वाणिज्य, सभी में पिछले कई दशकों भारतियों की संख्या काफी अधिक रही है और इससे पता चलता है कि कैसे ब्रिटेन जातिवाद, लिंगभेद, श्वेत-अश्वेत या अमुक राष्ट्रीयता के विषयों से ऊपर उठ कर विकास के चिंतन में ज्यादा मुखर दिख रहा है ।
सुनक और मोदी की व्यापक सोच की जुगलबंदी
अरस्तु ने कहा कि सुनक के प्रधानमंत्री होने के कारण ब्रिटेन के साथ भारत और विशेष रूप से दक्षिण एशियाई सामंजस्य से विकास के कई नए आयाम स्थापित होने का माहौल बना है । सुनक और मोदी (pm narendra modi ) की व्यापक सोच की जुगलबंदी के सबब खुशी की यह वेला भारत, भारतवंशी प्रवासी और अप्रवासी भारतीयों के साथ-साथ दक्षिण एशियाई समुदाय के लिए रिश्तों की हवाई पट्टी पर उड़ान विकास के नाते आयामों से सजे उम्मीदों के आकाश पर लैंड होने में अब ज्यादा समय नहीं रह गया है।
देश हित कार्यों में भागीदारी निभा रहे ब्रिटिश
यह ब्रिटिश नागरिकों की सहृदयता ही है कि वे श्वेत अश्वेत के बारे में न सोच कर केवल देश के हित कार्यों में भागीदारी निभा रहे हैं । इन सबके बीच यदि कहीं कोई अंतराल है तो भी सुनक के प्रधानमंत्री बनने पर भविष्य में दक्षिण एशिया से विकासशील मुद्दों पर एक नया पुल बन गया है।

भारतवंशियों में विशेष उत्साह
अरस्तु ने कहा कि बदले हुए परिदृश्य में जाहिर है कि दक्षिण एशिया में सुनक की सोच और फैसलों को लेकर भारतवंशियों में विशेष उत्साह और उम्मीदों के आकाश का भाव है । हालाँकि भारत और ब्रिटेन के राजनयिक रिश्ते हमेशा से ठीक ही रहे हैं, लेकिन एक भारतीय-मूल के ब्रिटिश प्रधामंत्री होने के कारण दोनों देशों में अधिक सहकारी राजनयिक प्रगाढ़ता नजर आ रही है ।

लंदन, लीसेस्टर और बर्मिंघम में भारतवंशी
उन्होंने कहा कि पश्चिमी लंदन, लीसेस्टर और बर्मिंघम में क्रमशः सबसे अधिक भारतीय-मूल के लोग रहते हैं और इंग्लैंड में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के प्रति लोगों में विशेष खुशी दिखती है । एक अहम बात यह है कि ब्रिटेन में राजतंत्र अक्सर लोकतंत्र के साथ कार्य करता हुआ दिखाई देता है, हालाँकि ब्रिटेन का राजपरिवार देश की राजनीति में सक्रिय रूप पर से हिस्सा नहीं लेता है, लेकिन एक बार चुनाव के बाद स्थिर और लोकतान्त्रिक सरकार स्थापित होने के बाद इंग्लैंड के राजपरिवार के विशेष नियम भी लोकतांत्रिक औपचारिकताओं का हिस्सा बनते रहे हैं ।
देव अरस्तु का इंडिया-यूके एफ टी ए (FTA) पर विश्लेषण

सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक और बौद्धिक देव अरस्तु पंचारिया ने इस साक्षात्कार में भारत व दक्षिण एशिया से ब्रिटेन की ओर से व्यापार और वाणिज्य की समीकरण के बारे में कहा कि अब भारत और ब्रिटेन के प्रधानमंत्रियों के बीच इंडिया-यूके एफ टी ए (Free Trade Agreement) पर चर्चा होनी चाहिए।
दोनों सरकारों के बीच संवाद स्थापित की संभावना

अरस्तु ने ब्रिटेन और भारत के बीच एफ टी ए (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) करने के बारे में दोनों सरकारों के बीच संवाद स्थापित होने की बड़ी संभावना जाताई है । उन्होंने कहा कि भारत को ब्रिटेन की नई सरकार के दो वर्ष पूरे करने से पहले एफ टी ए (FTA) पर एक बार ज़रूर चर्चा करनी चाहिए, यह एक नयी नीति का निर्माण करने में महत्वपूर्ण योगदान निभाएगा और इससे दोनों देशों के भविष्य के द्विपक्षीय संबंधों (bilateral relations) में मदद मिलेगी ।
नए आयाम स्थापित करने की पूरी संभावना

उन्होंने कहा कि एफ टी ए दो या अधिक देशों के बीच व्यापार की एक संधि है, जिससे ट्रेड बैरियर्स (व्यापार में रुकावटें) कम कर द्विपक्षीय या बहुपक्षीय अर्व्यवस्था के संबंध में स्थिरता लाने की नीतियों के नियमों का संग्रह है । फिलहाल ब्रिटेन की आंतरिक अर्थव्यवस्था में नई सरकार टैक्स नियमों पर भी गौर कर नए आयाम स्थापित करने की पूरी संभावना रखती है, साथ ही जैसा पहले बताया गया कि यूके भारत और दक्षिण एशियाई देशों से बड़े वाणिज्यिक आदान-प्रदान से भी नयी अर्थ-नीतियां तय कर सकता है।
NRI Special : क्या आप ब्रिटेन की नागरिकता लेना चाहते हैं ? ऐसे प्राप्त कर सकते हैं नागरिकता


डॉ.देव अरस्तु:एक नज़र
देव अरस्तु पंचारिया एक प्रसिद्ध भौतिकशास्त्री, गणितज्ञ और अर्थशास्त्री हैं,जिन्हें रॉयल चार्टर (शाही विशेषाधिकार) के लिए ब्रिटिश राजपरिवार की ओर से संरक्षित रॉयल सोसाइटी (कला, वाणिज्य और निर्माण) से निर्वाचित सदस्य हैं। साथ ही वे इसके मुख्य ब्रिटिश राजसी परिषद् में मनोनीत होने वाले प्रथम भारतीय हैं ।

Hindi News / world / NRI Special : ऋषि सुनक के विजन से विकास की नई इबारत लिख रहा नया ब्रिटेन ,ब्रिटिश रॉयल सोसाइटी के फैलो- रॉयल चार्टर ने कही यह बात

ट्रेंडिंग वीडियो