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NRI Special : होली पर इस देश में भी बनते और खाते हैं,गुलाब जामुन,जले बियां,समोसे और पकोड़े

Latest NRI News in Hindi : होली का त्योहार भारत ही नहीं, भारत के बाहर भी ( Indian Diaspora) मनाया जाता है। भारतवंशी ( NRI News in Hindi) जिस जिस देश देश में गए, वहां उन्होंने अपना समूह बना लिया। प्रख्यात भारतवंशी साहित्यकार कपिलकुमार ( Kapilkumar) ने सीधे बेल्जियम ( Belgium) से बताया कि प्रवासी भारतीय ब्रुसेल्स के बेल्जियम मंदिर ( Belgium Temple) में एकत्र हो कर पूरे जोश के साथ होली ( Holi 2024) मनाते हैं।
 
 

Mar 21, 2024 / 12:38 pm

M I Zahir

भारत के बाहर आत्मीयता से भरा भारत है। भारतीय प्रतिभाओं की रश्मियां विश्व में अपनी आभा बिखेर रही हैं। साहित्य, अभिनय, लेखन और पत्रकारिता के हवाले से सुर्खियों में रहने वाली ऐसी ही प्रवासी भारतीय एक शख्सियत का नाम है कपिलकुमार।
महोत्सव की तरह मनाते हैं त्योहार

विख्यात भारतवंशी साहित्यकार कपिलकुमार ने सीधे बेल्जियम से बताया कि प्रवासी भारतीय परिवार होली ( Hoil festival) व दिवाली का त्योहार महोत्सव की तरह मनाते हैं, इसके लिए वे पहले से एक दूसरे के संपर्क में रहते हैं और एक जगह एकत्र होते हैं और त्योहार मनाने और पूजा की सारी सामग्री एक जगह एकत्र कर लेते हैं। इसके लिए कई दिनों पहले से तैयारियां शुरू होती हैं।

भारतीय व्यंजनों के स्टॉल
कपिलकुमार ने बताया कि बेल्जियम मंदिर की ओर से आयोजित होली में खूब गुलाल उछाला जाता है और एक दूसरे पर पानी डाला जाता है। इसके अलावा खाने पीने के भारतीय व्यंजनों के स्टॉल भी उपलब्ध रहते हैं, जिनमें जलेबी,गुलाब जामुन, समोसों और पकोड़ों की भीनी—भीनी खुशबू होली के माहौल में भारतीयता से जोड़ देते हैं। होली पर रंगबिरंगे चेहरों वाले सभी प्रवासी भारतीय इन स्टॉल पर भारतीय व्यंजन खाने का आनंद लेते हैं और ऐसा खाना खा कर बहुत खुशी का अनुभव करते हैं।
होली पर खूब मस्ती और हुड़दंग
उन्होंने बताया कि होली पर रंग, अबीर, गुलाल और परंपरागत कपड़ों का पहले से इंतजाम कर लेते हैं। होली के दिन सभी प्रवासी भारतीय खूबसूरत और रंगबिरंगे भारतीय परिधान में नजर आते हैं। होली पर खूब मस्ती और हुड़दंग मचाते हैं। ऐसी धमाल मचती है कि लगता ही नहीं कि भारत से बाहर हैं। सभी को भारत और भारतीयता का एहसास होता है।

देश की बहुत याद दिलाते हैं
कपिलकुमार ने बताया कि प्रवासी भारतीय ब्रुसेल्स के बेल्जियम मंदिर में इकटठे हो कर पूरे जोश, उमंग और उत्साह से साथ होली का त्योहार मनाते हैं। वैसे ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में हमेशा से ही दुनिया के सभी प्रोग्राम चलते रहते हैं, उनमें भी प्रवासी भारतीयों की भागीदारी रहती है, मगर भारतीयों के लिए होली- दिवाली ऐसे दो त्योहार ही हैं जो उन्हें अपने देश की बहुत याद दिलाते हैं।

होली पर तो बेल्जियम के लोग खूब इकटठे होते
उन्होंने बताया कि बेल्जियम में बहुत सी संस्थाएं यह कमी पूरी करने की बहुत कोशिश करती हैं और चूंकि यूरोपियन पार्लियामेंट ब्रुसेल्स में है तो यहाँ विशेषकर ज्यादा ही भारतीय अपने त्योहार मनाने में भागीदारी निभाते हैं, चाहे दुर्गा पूजा हो या कृष्ण जन्माष्टमी , मगर रंगों का उत्सव हो होली हो तो उसके लिए बेल्जियम के लोग भी बड़ी संख्या मे हिस्सा लेते हैं।
लगता ही नहीं कि हम विदेश में हैं
कपिलकुमार ने बताया कि बेल्जियम मंदिर में होली मनाते समय लगता ही नहीं कि हम किसी और देश में हैं। सभी प्रवासी भारतीयों के हाथों में रंग अबीर गुलाल और पिचकारियां होती हैं कि ऐसा कहीं से लगता ही नहीं कि हम विदेश में हैं ,बस हर तरफ़ होली की मस्ती छाई रहती है। चाहे युवा हों या बुजुर्ग अथवा बच्चे, सभी अपने चेहरों पर गुलाल के रंग सजा कर ही अपने घरों की ओर लौटते हैं, इस उम्मीद के साथ कि अगली होली भारत में होगी, क्योंकि भला भारत की होली कोई भूल सकता है क्या?

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