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UAE देशों में 50 वर्षों से रह रहे इस भारतीय ने गाड़े सफलता के झंडे, इनकी स्टोरी यहां पढ़िए

NRI businessman Govind Dowlani:प्रवासी भारतीयों ने विदेश में रह कर देश की सेवा करने में अहम योगदान दिया है। पिछले 50 वर्षों से संयुक्त अरब अमीरात के मस्कट में रह रहे प्रवासी भारतीय गोविंद दौलानी। पेश है उनसे एक्सक्लूसिव इंटरव्यू आधारित उनकी सक्सेस स्टोरी:

नई दिल्लीDec 28, 2024 / 04:36 pm

M I Zahir

NRI Govind Dowlani

NRI businessman Govind Dowlani: एम आई ज़ाहिर/ यूएई के मस्कत में रहने वाले एक प्रमुख प्रवासी भारतीय व्यवसायी (NRI businessman) और वस्त्र उद्योग के टाइकून एनआरआई गोविंद दौलानी ( Govind Dowlani ) ने सीधे मस्कत से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में अपनी सक्सेस स्टोरी बताई। उन्होंने बताया कि वे भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) को मजबूती देने के साथ कई भारतीयों को रोजगार ( employment) दे रहे हैं। साथ ही वे एक समाजसेवी (social activist)और पर्यावरण प्रेमी भी हैं, जो वन्यजीवों के संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। दौलानी ने बताया कि वे टॉप फैशन इंटरनेशनल एलएलसी, फैशन कैपिटल, वॉग फैशन और फैशन मॉल जैसी प्रमुख कंपनियों से जुड़े हुए हैं। उनका व्यापार भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। क्योंकि उनके पास लगभग 400 भारतीय कर्मचारी कार्यरत हैं, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था और मुद्रा को संबल मिलता है।

भारत के विकास में योगदान

गोविंद दौलानी ने बताया कि वे पिछले 50 वर्षों से भारत, विशेषकर राजस्थान और जोधपुर के विकास के लिए संघर्षरत हैं। उनका मुख्य उद्देश्य भारत और राजस्थान के धार्मिक और पर्यटन स्थलों के लिए बेहतर हवाई और रेलवे कनेक्टिविटी स्थापित करना है, ताकि पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिले और देश की अर्थव्यवस्था में योगदान बढ़े। उनका मानना है कि आगरा और जोधपुर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाना चाहिए, जिससे पर्यटन व्यवसाय में दोगुना वृद्धि हो सकती है और भारत व राजस्थान के पर्यटन उद्योग को बड़ा लाभ होगा।

गोविंद दौलानी के भारत और राजस्थान के विकास के लिए सुझाव:

राजस्थान में घरेलू हवाई अड्डों का निर्माण हो

राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों को जोड़ने के लिए नए घरेलू हवाई अड्डों का निर्माण (जैसलमेर, बीकानेर, कोटा, पाली, आदि)। कम लागत वाले हवाई अड्डों के निर्माण से राजस्थान का पर्यटन उद्योग बढ़ेगा। राजस्थान के सभी पर्यटन और धार्मिक स्थलों को जोड़ने के साथ-साथ, भारत के अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों से कनेक्टिविटी बढ़ाकर वैश्विक पर्यटन में वृद्धि की जाए।

जोधपुर हवाई अड्डे का विस्तार हो

जोधपुर हवाई अड्डे पर पार्किंग क्षमता को बढ़ाना और अंतर्राज्यीय उड़ानों की संख्या बढ़ाकर प्रमुख महानगरों से जोड़ा जाना।
जोधपुर को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित करना, आगरा और जोधपुर को अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट घोषित कर पर्यटन को बढ़ावा देना। जोधपुर और अन्य शहरों के बीच बेहतर हवाई कनेक्टिविटी स्थापित करना (जोधपुर – मस्कट, दुबई, दोहा, कुवैत, आदि)।
जोधपुर-अजमेर-उदयपुर रेलमार्ग का निर्माण हो। जोधपुर और अजमेर, जोधपुर और उदयपुर के बीच रेल मार्ग की सुविधा शुरू करना। अजमेर-उदयपुर के बीच ट्रेन सेवा शुरू करना, जिससे राजस्थान के प्रमुख शहरों को जोड़ने में मदद मिलेगी।
बर-बिलाड़ा आमान परिवर्तन हो। बर-बिलाड़ा रेल मार्ग का सुधार और विस्तार, जिससे यात्रा की गति बढ़े और रेलवे की क्षमता में वृद्धि हो।

नए रेलमार्ग का निर्माण (मेड़ता-पुष्कर) हो

मेड़ता और पुष्कर के बीच नया रेल मार्ग बनाना, जो पर्यटन और व्यापार के लिए महत्वपूर्ण होगा।
जैसलमेर और बाड़मेर के बीच रेल कनेक्टिविटी में सुधार करना, खासकर सेना के लिए।

नई ट्रेन सेवाएं शुरू हों

जोधपुर में मेट्रो या मोनो रेल सेवा की शुरुआत हो, ताकि शहर में यातायात की सुविधा बढ़े और ट्रैफिक जाम कम हो।जोधपुर में बड़े इवेंट्स के लिए 300 कमरों वाले होटल की आवश्यकता।
जोधपुर में अधिक ट्रेन सेवाओं की आवश्यकता, जो दूरदराज के शहरों को जोड़ने में सहायक हों।जोधपुर क्रिकेट स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय मैच हो।
जोधपुर में एक आधुनिक क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण करना और वहां अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों का आयोजन करना।
जोधपुर से अहमदाबाद, दिल्ली, मुंबई, जयपुर और अन्य प्रमुख शहरों के बीच ट्रेन सेवाएं शुरू करना।
जोधपुर में मेट्रो और मोनो रेल हो।

शहरों की सुंदरता और सफारी का विकास हो।

जोधपुर और जैसलमेर में किलों, झीलों और वन्यजीव सफारी का सुधार और पर्यटकों के लिए आकर्षक स्थल तैयार हो।
शहरों का सौंदर्यीकरण और विश्वस्तरीय सड़कें और पुल बनाने की योजना बने।

एनआरआई संगठनों से जुड़ाव

दौलानी ने बताया कि वे कई देशों के एनआरआई संगठनों से जुड़े हुए हैं और उनका इनके साथ गहरा संपर्क है। वे विभिन्न सामाजिक संगठनों से भी जुड़े हुए हैं और भारत के प्रमुख लोगों और सामाजिक संगठनों के साथ निरंतर संपर्क में रहते हैं। उनका मानना है कि एनआरआई समुदाय और सामाजिक संगठनों के सहयोग से भारत की प्रगति और विकास में तेजी लाई जा सकती है।

एक सच्चे देशभक्त और पर्यावरण प्रेमी

उन्होंने बताया कि उनका वन्यजीवों के प्रति गहरा लगाव है और वे हमेशा पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करते रहे हैं। उनके इन कार्यों से यह साफ़ जाहिर होता है कि उनका उद्देश्य केवल व्यापारिक सफलता तक सीमित नहीं है, बल्कि वे समाज और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी समझते हैं। बहरहाल गोविंद दौलानी का जीवन यह दर्शाता है कि एक सफल व्यवसायी केवल आर्थिक लाभ नहीं कमाता, बल्कि समाज और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाने में भी सक्रिय रहता है। उनके प्रयासों ने न केवल भारत के विकास को आगे बढ़ाया है, बल्कि उन्होंने एनआरआई समुदाय को भी एक नई दिशा दी है।
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