क्या लगाए गए हैं आरोप
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने उत्तर कोरिया पर रूसी कब्जे वाले क्षेत्र में अपने अधिकारी तैनात करने तथा रूस के युद्ध प्रयासों में मदद के लिए 12,000 सैनिक भेजने की तैयारी करने का आरोप लगाया। दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय खुफिया सेवा ने कहा कि उत्तर कोरिया ने विशेष बलों सहित 3,000 सैनिकों को रूस के सुदूर पूर्व में सैन्य ठिकानों पर प्रशिक्षण और अनुकूलन के लिए भेजा है। कहा गया है कि सैनिकों को यूक्रेन युद्ध में तैनात करने से पहले रूसी सैन्य वर्दी, हथियार और फर्जी पहचान दस्तावेज मुहैया कराए गए हैं।
क्यों कर रहा रूस की मदद?
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जून में उत्तर कोरिया की यात्रा के दौरान उत्तर कोरिया के सर्वेसर्वा किम जोंग उन के साथ एक संधि पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें एक दूसरे को बाहरी आक्रमण से बचाने के लिए आपसी सहायता का प्रावधान था। है। वहीं, अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम के कारण भारी प्रतिबंधों का सामना कर रहे उत्तर कोरिया को रूस से तेल और अन्य उत्पादों का भी बड़ा आयात मिल रहा है। अनुमान है कि नकदी की कमी से जूझ रहे उत्तर कोरिया ने पिछले वर्ष रूस को हथियार बेचकर लगभग 540 मिलियन डॉलर कमाए।
क्या रही दूसरे देशों की प्रतिक्रिया
दक्षिण कोरिया ने रूस के राजदूत को तलब कर विरोध जताया है। दक्षिण कोरिया ने यह भी कहा है कि वह चरणबद्ध जवाबी उपायों पर विचार कर रहा है। जर्मनी और ऑस्ट्रिया ने भी उत्तर कोरिया के शीर्ष दूतों को बुलाकर अपनी चिंताएं दर्ज कराईं। ब्रिटेन और फिनलैंड के नेताओं ने कहा है कि रूस द्वारा उत्तर कोरियाई सैनिकों का प्रयोग हताशा का संकेत हो सकता है।
यूक्रेन के लिए क्या चुनौती?
दक्षिण कोरिया, यूक्रेन, अमरीका और स्वतंत्र शोधकर्ताओं का कहना है कि रूस ने उत्तर कोरिया द्वारा निर्मित दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं और उसे बड़ी संख्या में तोप के गोले और टैंक रोधी रॉकेट प्राप्त हुए हैं। इससे संघर्ष लंबा खींच सकता है। हालांकि, उत्तर कोरिया की भागीदारी रूस के लिए निर्णायक नहीं हो सकती। फिर भी, यूक्रेनी सेनाओं के रूसी क्षेत्र में आगे बढ़ने के बीच उत्तर कोरियाई सैनिक ऐसे आक्रमणों से बचाव में भूमिका निभा सकते हैं।