जिस जज ने सुनाई सजा, अब उन्होंने दी राहत
दूसरी तरफ, इस्लामाबाद की एक जवाबदेही अदालत ने भी उन्हें तोशखाना भ्रष्टाचार मामले में 10 लाख रुपए के बॉन्ड पर 20 नवंबर तक जमानत दे दी। नवाज को इस मामले में जमानत उसी जज मुहम्मद बशीर के द्वारा दी गई जिन्होंने एवेनफील्ड अपार्टमेंट मामले में उन्हें दोषी ठहराया था। जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान की सियासत में नवाज की ये एंट्री सेना के इशारे पर हो रही है और सेना उनको उसी सीमा तक राहत देगी कि वे सेना के सामने कोई चुनौती न बनें।
हाईकोर्ट के सामने लंबित रहेंगे मामले
पंजाब के कार्यवाहक सूचना मंत्री आमिर मीर ने बताया कि नवाज की सजा को निलंबित किए जाने का यह निर्णय आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) की धारा 401 के तहत अपनी संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए लिया गया है। मीर ने बताया कि अक्टूबर 2019 में भी नवाज को इलाज के लिए लंदन जाने की अनुमति भी पंजाब कैबिनेट ने इसी तरह की शक्तियों की तहत दी थी। गौरतलब है कि इसके एक दिन पहले नवाज ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट के सामने अल-अजीजिया और एवेनफील्ड मामले में उनकी अपील की बहाली की अर्जी दी थी। फिलहाल हाईकोर्ट के सामने ये दोनों मामले लंबित हैं।
जज ने माना, दबाव में सुनाई थी नवाज को सजा
गौरतलब है कि जवाबदेही न्यायाधीश अरशद मलिक ने एक लीक हुई बातचीत में स्पष्ट रूप से स्वीकार किया था। अल-अजीजिया में उन्होंने दबाव में आकर पीएमएल-एन नवाज को सजा सुनाई थी। इसके बाद, मलिक को जवाबदेही अदालत से हटाकर उनके मूल विभाग लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) में वापस भेज दिया गया था। उन पर जांच बैठाई गई और अंततः उन्हें सेवा से हटा दिया गया था। उनकी कोरोना महामारी के दौरान 2020 में मौत हो गई थी।
चुनाव की तारीखों की घोषणा जल्दः काकड़
पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकड़ ने उम्मीद जताई है कि चुनाव आयोग जल्द ही चुनाव की तारीख की घोषणा करेगा। काकड़ ने कहा, अगले आम चुनाव में सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर मिलेंगे। गौरतलब है कि सटीक तारीख का उल्लेख किए बिना पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने पिछले महीने घोषणा की थी कि आम चुनाव जनवरी 2024 के आखिरी सप्ताह में होंगे।
इमरान को झटका, जेल में ही चलेगा मुकदमा
इस्लामाबाद हाईकोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ ने मंगलवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के अध्यक्ष इमरान खान की उस अपील को खारिज कर दिया जिसमें साइफर मामले में उन पर जेल में ही मुकदमा चलाने के फैसले को चुनौती दी गई थी। इमरान के वकील सलमान अकरम राजा ने पीठ के समक्ष दलील दी थी कि संघीय सरकार के पास खान के खिलाफ जेल में मुकदमा चलाने के लिए अधिसूचना जारी करने का अधिकार नहीं है।
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