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Space News: 2 साल की जगह अब सिर्फ 2 महीने में पहुंचेंगे मंगल ग्रह, जानिए क्या है NASA का ये नया प्रोजेक्ट?

Space News: NASA के इस रॉकेट को न्यूक्लियर फ्यूजन पावर सिस्टम के जरिए ऊर्जा मिलेगी। एटम तोडऩे पर भारी ऊर्जा पैदा होगी, जिससे रॉकेट तेज रफ्तार से आगे बढ़ेगा। PPR दूसरे रॉकेटों से छोटा और किफायती होगा। इससे भारी स्पेसक्राफ्ट्स अंतरिक्ष में भेजे जा सकेंगे।

नई दिल्लीMay 22, 2024 / 10:41 am

Jyoti Sharma

NASA’s new Rocket will reach Mars in 2 months

Space News: अंतरिक्ष यान को अभी पृथ्वी से मंगल ग्रह पर पहुंचने में 22 से 24 महीने लगते हैं। लेकिन अब अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ऐसा रॉकेट बनाने जा रही है, जो सिर्फ दो महीने में यान वहां पहुंचा देगा। रॉकेट का नाम पल्स्ड प्लाज्मा रॉकेट (PPR) होगा। नासा ने इस प्रोजेक्ट को अमली जामा पहनाने के लिए अमरीका की एक अनुसंधान और निर्माण कंपनी को फंडिंग दी है।

ये हैं इस रॉकेट की खूबियां

स्पेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक NASA का कहना है कि PPR का प्रोपल्शन सिस्टम अत्याधुनिक होगा। रॉकेट को न्यूक्लियर फ्यूजन पावर सिस्टम के जरिए ऊर्जा मिलेगी। एटम तोडऩे पर भारी ऊर्जा पैदा होगी, जिससे रॉकेट तेज रफ्तार से आगे बढ़ेगा। PPR दूसरे रॉकेटों से छोटा और किफायती होगा। इससे भारी स्पेसक्राफ्ट्स अंतरिक्ष में भेजे जा सकेंगे। इसमें ऐसी टेक्नोलॉजी होगी, जो एस्ट्रोनॉट्स को गैलेक्टिक कॉस्मिक किरणों से बचाएगी।

हकीकत में बदल जाएगी साइंस फैंटेसी

नासा में इनोवेटिव एडवांस्ड कॉन्सेप्ट (NIAC) प्रोग्राम के एक्जीक्यूटिव जॉन नेल्सन का कहना है कि PPR से एक अलग किस्म की विज्ञान फंतासी हकीकत में बदलने वाली है। इंसान अंतरिक्ष के सफर में जितना कम समय बिताएगा, उतना बेहतर होगा। पीपीआर से स्पेस रेडिएशन और माइक्रोग्रैविटी के संपर्क में आने की अवधि कम होगी। मानव शरीर पर इसके प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी।

2030 तक मंगल पर जाएंगे इंसान

मानव मिशन के लिए कई स्पेस एजेंसियां मंगल पर मानव मिशन भेजने की तैयारी में जुटी हैं। नासा की योजना 2030 तक मंगल पर इंसानों को भेजने की है। PPR प्रोजेक्ट को इसी से जोडक़र देखा जा रहा है। मानव मिशन के लिए ऐसे प्रोपल्शन की जरूरत है, जो बड़े पेलोड को तेजी से सौरमंडल में ले जा सके। पिछले 50 साल में विकसित ज्यादातर प्रोपल्शन सिस्टम या तो हाई थ्रस्ट या हाई इंपल्स हैं। पीपीआर में दोनों खूबियां होंगी।

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