क्या है टर्मिनेटर या गोधूलि क्षेत्र
टर्मिनेटर, ट्वाइलाइट जोन या गोधूलि क्षेत्र वह गतिशील रेखा है जो किसी ग्रहीय पिंड के दिन के उजाले वाले हिस्से और रात के अंधेरे वाले हिस्से को विभाजित करती है। अर्थ-टर्मिनेटर हमारे ग्रह पर दिन और रात को अलग करने वाली रेखा है। यह पृथ्वी के घूमने और सूर्य के सापेक्ष इसकी स्थिति का परिणाम है। उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के पास के क्षेत्रों को छोड़कर यह पृथ्वी के अधिकांश स्थानों से दिन में दो बार गुज़रती है, एक बार सूर्योदय के समय और एक बार सूर्यास्त के समय। क्षितिज पर चमकती इस पतली रेखा में वायुमंडल का नीला रंग सूर्योदय के सुनहरे रंगों से मिलता है।
मौसम पर कैसे पड़ता है असर
पृथ्वी की धुरी 23.5 डिग्री झुकी हुई है, जिसके कारण उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में पूरे वर्ष अलग-अलग मात्रा में सूर्य का प्रकाश मिलता है। इस झुकाव के कारण मौसम में बदलाव होता है। विषुव (मार्च और सितंबर) के दौरान, पृथ्वी की धुरी अपनी कक्षा के लंबवत होती है और टर्मिनेटर सीधा होता है यानी दोनों गोलार्धों को समान मात्रा में सूर्य का प्रकाश मिलता है, हल्के तापमान और मध्यम मौसम की स्थिति होती है। संक्रांति (जून और दिसंबर) तब होती है जब पृथ्वी का झुकाव सबसे अधिक होता है और टर्मिनेटर घुमावदार होता है। यानी एक गोलार्ध को दूसरे की तुलना में अधिक दिन का प्रकाश मिलता है जिससे वर्ष के सबसे लंबे और सबसे छोटे दिन होते हैं।