हत्या कर दी गई
जानकारी के अनुसार अपहरण करने वालों ने उसके परिजनों को फोन कर एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी। रकम नहीं दिए जाने पर युवक को जान से मारने की बात भी कही थी। परिजन रकम की व्यवस्था नहीं कर पाए थे, इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई।
कड़ी कार्रवाई की जाएगी
उधर में भारत राजस्थान के जालौर जिले में उसके घर में मातम छा गया है। हालांकि, पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेने के बाद जांच तेज कर दी है। पुलिस ने परिजनों को आश्वस्त किया है कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मृतक का नाम सतीश
जानकारी के मुताबिक चीन में प्रवासी भारतीय राजस्थान के एक मृतक युवक का नाम सतीश ( Satish) है और उसके भाई का नाम हितेश ( Hitesh) है। हितेश को गत 23 जून को जानकारी दी गई थी कि चीन में उसके भाई का अपहरण कर उसे जान से मारने की धमकी दी गई है।
किसी दोस्त ने बताया
गौरतलब है कि सतीश पहले मुंबई में ही काम करता था, लेकिन बीते दिनों उसके किसी दोस्त ने बताया कि अगर वह चीन से मोबाइल बनाने के पार्ट्स भारत लाकर बेचे तो उसे अच्छा खासा मुनाफा हो सकता है। इसके बाद वो चीन चला गया, जहां उसने मोबाइल पार्ट्स भारत में लाकर व्यापार करना शुरू कर दिया। शव भारत पहुंचने का इंतजार
जानकारी के अनुसार, वो लगभग दो सालो तक
चीन में रहा, जहां उसने यही काम किया। सतीश ने चीन में मोबाइल के पार्ट्स बनाने वाली कंपनी में काम किया। उसकी योजना थी कि कुछ दिनों तक इस कंपनी में काम करने के बाद वो खुद का व्यापार शुरू करे, लेकिन इससे पहले न जाने कैसे वो चीन में एक गिरोह के संपर्क में आ गया, जिसकी वजह से उसे अपनी जान गंवानी पड़ी। उधर, परिजन शव भारत पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं।
काम अच्छा चल रहा था
सूत्रों के मुताबिक, वीजा के लिए मंजूरी मिलने के बाद ही शव परिजनों के सुपुर्द किया जाएगा, जिसके बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू होगी। मृतक सतीश के चाचा ने बताया, “सतीश का मोबाइल पार्ट्स का काम अच्छा चल रहा था। वो जल्द ही अपना व्यापार शुरू करने वाला था। बीते दिनों वो चीन के गुआंगजो शहर गया, जहां उसने अपना व्यापार शुरू करने का मन बनाया था, वहां उसने कोविन नाम के किसी व्यक्ति के साथ काम करना शुरू कर दिया।“ चाचा ने आरोप लगाया कि जिस कोविन के साथ सतीश काम कर रहा था, उसी ने उसकी हत्या कर दी।
सांसद लुबाराम का बयान
उधर, इस पूरे मामले पर सांसद लुंबाराम का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, “हमने जल्द से जल्द शव परिजनों के सुपुर्द करने के संबंध में केंद्रीय मंत्री एस. जयशंकर ( S Jaishankar) को पत्र लिखा है, लेकिन वीजा नहीं मिल पा रहा है, जिसकी वजह से अंतिम संस्कार करने में देरी हो रही है और दुर्भाग्य से अभी तक तो हमें यह भी जानकारी नहीं मिल पा रही है कि आखिर शव कहां और किस स्थिति में है, लेकिन मैं एक सांसद होने के तौर पर परिजनों को पूरा विश्वास दिलाता हूं कि मैं उनकी मदद के लिए पूरी तरह से तैयार हूं।“
मामला उच्च स्तर तक ले जाएंगे
सांसद ने कहा कि हम इस मामले को यहीं विराम नहीं देंगे, बल्कि आगे उच्च स्तर पर लेकर जाएंगे और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करेंगे। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करेंगे कि विदेशों में हमारे भारतीय भाई-बहनों को किसी भी प्रकार का संकट न आए।